नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा आत्मनिर्भर भारत पैकेज की दो किश्तों की घोषणा हो चुकी है। आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज (Economic package) की तीसरी किस्त के संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने आज आर्थिक पैकेज में किसानों और ग्रामीण भारत के लिए दी गई राहतों के बारे में विस्तार से बताया। सरकार ने कृषि के आधारभूत ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि के बुनियादी ढांचे को रफ्तार देने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के वित्तपोषण की सुविधा दी जाएगी, कृषि अवसंरचना परियोजनाओं को इसका लाभ मिलेगा| वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि आवश्य वस्तु अधिनियम 1955 में संशोधन किया जा रहा है. आलू, प्याज, खाद्यान्न, खाद्य तेल, तिलहन, दाल आदि के लिए स्टॉक सीमा को खत्म किया जा रहा है| हालांकि विशेष आपदा परिस्थितियों में इसके लिए सीमाएं निर्धारित की जा सकती हैं| सरकार ने ऐलान किया है कि गाय, भैंस, बकरी समेत सभी पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा, ताकि उन्हें बीमारियों से बचाया जा सके। साथ ही किसानों द्वारा किए गए जाने स्थानीय उत्पादों जैसे आम, मखाना, केसर को अंतर्राष्ट्रीय ब्राण्ड बनाया जा जाएगा।वहीं, पीएम मत्स्य संपदा योजना में 20,000 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसमें समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के लिए और 9,000 करोड़ रुपये इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के विकास में लगाया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि टॉप से टोटल योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का लाभ दिया जाएगा. टमाटर, आलू और प्याज के लिए लागू योजना को सभी फलों व सब्जियों के लिए लागू किया जाएगा| इसके तहत अधिकता वाले इलाके से कमी वाले इलाके में भेजने के लिए 50 फीसद सब्सिडी कोल्ड स्टोरेज और परिवहन के लिए दी जाएगी| देश में हर्बल खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 4 हजार करोड़ रुपए की हर्बल खेती योजना का ऐलान किया है। इसके तहत गंगा किनारे हर्बल खेती की जाएगी और उससे दवाईंयां बनायी जाएंगी।
-15,000 करोड़ रुपये का पशुपालन बुनियादी ढांचा विकास कोष स्थापित किया जाएगा।
-खुरपका-मुंहपका और ब्रुसेलोसिस के लिए 13,343 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया गया।
-सरकार ने समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के विकास के लिए 20,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना शुरू करेगी। इस कार्यक्रम से 55 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
-किसानों को प्रोसेसरों, एग्रीगेटर्स, बड़े रिटेलर्स, निर्यातकों के साथ निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से जुड़ने के लिए एक सुविधाजनक कानूनी ढांचा बनाया जाएगा।
-किसानों की उपज को अच्छा मूल्य उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त विकल्प प्रदान करने को एक केंद्रीय कानून तैयार किया जाएगा, जिससे बाधा रहित अंतरराज्यीय व्यापार और कृषि उपज के ई-ट्रेडिंग के लिए रूपरेखा तैयार की जा सके।
-किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्ति के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन किया जाएगा; कृषि उत्पादों में अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दालें, प्याज और आलू को डी-रेगुलेट किया जाएगा।
-एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्रों, संग्रह, विपणन और भंडारण केंद्रों और मूल्य संवर्धन सुविधाओं से संबंधित बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 500 करोड़ रुपये की योजना लागू की जाएगी; इससे 2 लाख मधुमक्खी पालनकर्ताओं की आय में वृद्धि होगी।