डेस्क रिपोर्ट। यूक्रेन की खारकीव नेशनल यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई करने गए नवीन शेखरप्पा या फिर उसके परिजनों ने नहीं सोचा था कि नवीन अपनी डिग्री के साथ वापस कभी नहीं लौट पाएगा, लौटेगा तो नवीन का शव, नवीन शेखरप्पा वही भारतीय छात्र है जिसकी यूक्रेन में रूसी हमलें में मौत हो गई थी, 21 साल के नवीन की जान तब गई जब वह राशन की लाइन में लगा था, तभी अचानक रूसी सेना के हमलें में उसकी जान चली गई, 20 दिन बाद नवीन का पार्थिव शव 21 मार्च को उसके घर कर्नाटक पहुंचेगा।
नवीन के दोस्तों की माने तो स्टूडेंट्स का ग्रुप सोमवार को रवाना हुआ, लेकिन नवीन ने कहा कि थोड़ा इंतजार करते हैं, ताकि जूनियर्स को भी साथ ले जा सकें। नवीन का कहना था कि उन्हें यूक्रेन आए बहुत कम वक्त हुआ है। वे सभी बुधवार की सुबह खारकीव छोड़ने वाले थे। मंगलवार जब वो खाना लेने गया, तब उसकी मौत हो गई।

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दर्दनाक हादसा
नवीन के दोस्तों ने बताया कि जब भी कर्फ्यू हटता, वे सामान खरीदने जाते थे। मंगलवार 1 मार्च को नवीन सुबह 6 बजे ही खाना लेने के लिए निकल गया था। बंकर से बाजार 50 मीटर की दूरी पर ही था। 7.58 बजे उसने मैसेज भेजा कि उसके पास पैसे कम पड़ रहे हैं। इसके बाद जब अमित ने उसके फोन पर 8.10 बजे कॉल किया तो पहले उठा नहीं इसके बाद एक यूक्रेनी ने कॉल का जवाब दिया और कहा कि वह अब नहीं रहा। इस हादसे के बाद नवीन के पिता ने सिस्टम पर सवाल उठाए थे उन्होंने कहा नवीन ने प्री-यूनिवर्सिटी कोर्स में 97% स्कोर किया था। बावजूद इसके वह स्टेट में मेडिकल सीट हासिल नहीं कर सका और उसे योग्यता के बावजूद यूक्रेन में मेडिकल यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना पड़ा लेकिन अफसोस की ना तो वह अपनी डिग्री पूरी कर पाया और न ही वापस लौट पाया।