नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। NCP प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) के साथ 15 दिन में दो बार मुलाकात कर चुके प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने 2024 के लोकसभा चुनाव में तीसरे या चौथे मोर्चे द्वारा भाजपा (BJP) को हराने की संभावनाओं से इंकार किया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें नहीं लगता कि तीसरा या चौथा मोर्चा भाजपा को हराने की चुनौती दे सकता है।
बंगाल में ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पार्टी TMC को शानदार सफलता दिलवा चुके चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) और NCP प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) भाजपा के खिलाफ नई संभावनाओं को तलाश रहे हैं। इन मुलाकातों के पीछे तीसरा मोर्चा माना जा रहा है। सम्भावना जताई जा रही है कि अगले लोकसभा चुनाव में कई विपक्षी दल मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं। इसलिए दोनों बार बार मुलाकात कर रहे हैं। पिछले दिनों 11 जून को प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) और शरद पवार (Sharad Pawar) की मुंबई स्थित आवास पर 3 घंटे लम्बी मुलाकात हो चुकी है। हालाँकि प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) का कहना है कि वे और शरद पवार (Sharad Pawar) एक दूसरे को बेहतर जानने के लिए मिल रहे हैं।
ये भी पढ़ें – VIDEO: कर्फ़्यू का पालन ना करना पड़ा भारी, पुलिस ने दी अनोखी सजा, देखे वीडियो
शरद पवार (Sharad Pawar) से मुलाकात के बाद एक निजी न्यूज़ चैनल से बात करते हुए प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने भाजपा के खिलाफ तीसरे या चौथे किसी भी मोर्चे की जीत की सम्भावना से इंकार कर दिया। प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि 2024 की लोकसभा चुनाव में तीसरा या चौथा मोर्चा भाजपा को चुनौती दे पायेगा।
ये भी पढ़ें – निरीक्षण पर राजधानी पहुंचे मंत्री, अधिकारियों को सख्त निर्देश- लापरवाही नहीं की जाएगी बर्दाश्त
गौरतलब है कि NCP प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाना चाहते हैं और भाजपा को चुनौती देना चाहते हैं, इसके लिए वे लगातार प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने आज मंगलवार को सभी विपक्षी दलों की इसी सम्बन्ध में राष्ट्रमंच की मीटिंग बुलाई है, इसमें कांग्रेस को छोड़कर सभी विपक्षी पार्टियों को शामिल होने का न्योता दिया गया है। यहाँ बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने पीएम नरेंद्र मोदी की नीतियों के खिलाफ 2028 में राष्ट्रमंच का गठन किया था। हालाँकि ये राजनीतिक मंच नहीं है लेकिन इससे जुड़े अधिकांश लोग राजनेता ही हियँ। शरद पवार इसमें पहली बार शामिल हो रहे हैं