नई दिल्ली| सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण बिल पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुहर लगा दी है| लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार को बड़ी सफलता मिली है| लोकसभा और राज्यसभा में इस बिल के पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है| सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में दस फीसदी आरक्षण का रास्ता अब बिल्कुल साफ हो गया है| सरकार ने इस सम्बन्ध में अधिसूचना जारी कर दी है|
विधि मंत्रालय की अधिसूचना के बाद अब यह कानून बन जाएगा। बताया जा रहा है कि एक हफ्ते के अंदर दस फीसदी आरक्षण का फैसला अमल में आ जायेगा और इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा| संशोधन बिल 9 जनवरी को राज्यसभा और 8 जनवरी को लोकसभा में पास हुआ था। राज्यसभा में 8 घंटे और लोकसभा में करीब 5 घंटे इस बिल पर चर्चा हुई थी। यह विधेयक संघीय ढांचे में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करता, इसलिए इसे राज्यों की विधानसभाओं की मंजूरी की जरूरत नहीं है। राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही यह बिल कानून का रूप ले लिया।
आरक्षण का लाभ पाने वाले अभ्यर्थी के परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए| हालांकि संसद में चर्चा के दौरान कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि राज्य सरकारें चाहे तो इस सीमा में बदलाव कर सकती है| इस 10 फीसदी आरक्षण का लाभ उसी परिवार के कैंडिडेट को मिलेगा जिसके पास 5 एकड़ से ज्यादा कृषि योग्य भूमि नहीं हो अधिसूचना जारी होने के बाद यह कानून केंद्र सरकार की नौकरियों एवं केंद्रीय संस्थानों में होने वाले एडमिशन में मान्य होगा।
यह है मापदंड
-परिवार की सालाना आमदनी 8 लाख रु. से ज्यादा न हो।
-परिवार के पास 5 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि न हो।
-आवेदक के पास 1,000 वर्ग फीट से बड़ा फ्लैट नहीं होना चाहिए।
-म्यूनिसिपलिटी एरिया में 100 गज से बड़ा घर नहीं होना चाहिए।
-नॉन नोटिफाइड म्यूनिसिपलिटी में 200 गज से बड़ा घर न हो।
यह दस्तावेज भी जरूरी
आरक्षण का लाभ उठाने के लिए आपको आय प्रमाण पत्र दिखाना होगा।आपको बता दें जिन सवर्णों की सालाना आय 8 लाख रुपये से कम है, वही इसका फायदा उठा पाएंगे। इसके अलावा आरक्षण का फायदा उठाने के लिए जाति प्रमाण पत्र, बीपीएल कार्ड और पैन कार्ड भी दिखाना होगा। आरक्षण का लाभ उठाने के लिए यही नहीं आधार कार्ड, बैंक पास बुक और इनकम टैक्स रिटर्न भी दिखाना जरूरी होगा।