रहने योग्य ग्रहों को ढूँढने में Artificial Intelligence करेगा मदद , 60 ग्रह हैं रहने योग्य , जाने आगे ….

Manisha Kumari Pandey
Published on -

नई दिल्ली , डेस्क  रिपोर्ट । नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता ) के जरिए अंतरिक्ष में रहने योग्य ग्रहों को ढूंढने के लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने नया अप्रोच ( algorithm )  तैयार किया है। बहुत समय से यह विश्वास रहा है कि हमारी धरती के बाहर भी कई ग्रह ऐसे हैं , जहां पर इंसान अपना जीवन यापन कर सकते हैं। इसी तथ्य पर एक नए विचारधारा के साथ  गोवा स्थित बिट्स  पिलानी ( BITS pilani )  परिसर सामने आया है , जिससे इस नए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से रहने योग्य ग्रहों को ढूंढने की संभावनाएं बहुत ज्यादा दिख रही हैं।

यह भी पढ़े … Habit Psychology : इन 5 आदतों से जाने किस तरह के व्यक्ति हैं आप, इनमें छिपा है आपके व्यक्तित्व का राज

रॉयल एस्टॉनोमिकल सोसायटी के मंथली नोटिस पत्रिका के अध्ययन के मुताबिक  5000 में से 60  ग्रह मनुष्य के रहने लायक हैं,  जिनके गुण पृथ्वी से मिलते -जुलते हैं।  जहां इंसान अपना बसेरा बना सकते हैं। फिलहाल भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और बिट्स पिलानी गोवा केंपस के खगोलवादी मिलकर एक नया रोडमैप तैयार कर रहे हैं,  जिससे वह रहने योग्य ग्रहों की पहचान कर सकें । नए रोड मैप के तहत हजारों डाटा बिंदुओं के बीच पृथ्वी से अलग ग्रह के पहचान की भी संभावनाएं नजर आ रही हैं।

बिट्स पिलानी गोवा कैंपस के प्रो स्नेहांशु साहा और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IA), बेंगलुरु के डॉ मार्गरीटा सफोनोवा की देखरेख में, मैन्युअल रूप से और पृथ्वी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शोधकर्ताओं के समान संभावित ग्रहों की पहचान करने के लिए, इस प्रकार एक उपन्यास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-आधारित विकसित किया है। एल्गोरिथम प्रेक्षित गुणों से रहने की क्षमता के दृष्टिकोण का measurement करने के लिए , एक त्वरित ( quick ) स्क्रीनिंग उपकरण के रूप में कार्य कर सकता हैं। शोध दल ( रिसर्च टीम ) में प्रोफेसर संतोनु सरकार, डॉक्टरेट के छात्र ज्योतिर्मय सरकार, बिट्स पिलानी गोवा परिसर से स्नातक छात्र कार्तिक भाटिया भी शामिल थे। मल्टी-स्टेज मेमेटिक बाइनरी ट्री एनोमली आइडेंटिफायर(MSMBTAI) नामक अल-आधारित विधि, एक उपन्यास मल्टी-स्टेज मेमेटिक एल्गोरिथम (MSMA) पर आधारित है।


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News