भारत के इस सिटी में प्रवेश के लिए हैं 52 दरवाजे, कहलाता है “दरवाजों का शहर”

आज हम आपको बताएंगे कि इस शहर को दरवाजों का शहर ही क्यों कहा जाता है। वैसे भी शहरों में वेषभूषा, खान-पान, वहां की अनोखी परंपराएं, इन्हें खास बनाने का काम करती है।

Sanjucta Pandit
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City of Gates in India : भारत एक ऐसा देश है जो अपनी विविधता के लिए पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है। यहां का हर एक राज्य, हर एक शहर अलग-अलग विशेषताएं लिए बैठा है। बहुत से प्लेस ऐसे होते हैं जिनके बारे में लोगों को पता है, लेकिन बहुत से जगह या शहर ऐसे हैं, जिनके निकनेम के बारे में सिलेक्टेड लोगों को ही पता होता है। यहां मंदिर से लेकर उद्योग, फिल्म सिटी से लेकर कृषि, कॉलेज से लेकर अच्छे-अच्छे जॉब ऑपच्यरुनिटीज वाले कंपनी है। कुछ शहर जॉब्स के लिए जाने जाते हैं, तो कुछ शहर कृषि प्रधान शहर माना जाता है। कुछ गांवों की सुंदरता अलग होती है, तो कुछ शहर अपने में बहुत सारे रहस्यों को समेटे हुए हैं। ऐसा ही एक शहर भारत में स्थित है, जिसे दरवाजों का शहर कहा जाता है।

भारत के इस सिटी में प्रवेश के लिए हैं 52 दरवाजे, कहलाता है "दरवाजों का शहर"

जानें क्यों कहलाता है दरवाजों का शहर

दरवाजों का शहर नाम सुनते ही आपके दिमाग में आ रहा होगा कि इस शहर में चारों तरफ दरवाजे लगे होंगे। आपकी इस कल्पना से हटकर आज हम आपको बताएंगे कि इस शहर को दरवाजों का शहर ही क्यों कहा जाता है। वैसे भी शहरों में वेषभूषा, खान-पान, वहां की अनोखी परंपराएं, इन्हें खास बनाने का काम करती है।

कुल 52 दरवाजे

दरवाजों का शहर कहीं और नहीं बल्कि, महाराष्ट्र राज्य में स्थित है। यहां औरंगाबाद शहर को दरवाजों का शहर कहा जाता है जो कि काफी ऐतिहासिक जगह है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस शहर में कुल 52 दरवाजे हैं। इसलिए इसका निकनेम दरवाजों का शहर पड़ा है। जानकारों की मानें तो इन दरवाजों का निर्माण मलिक अंबर ने साल 1612 में किया था जो कि मुगलों के खिलाफ जीत का प्रतीक है। इससे आज भी लोग आवाजाही करते हैं। उसकी सुंदर नक्काशी देखते ही आप इतिहास के पुराने दिनों में खो जाएंगे।

500 साल पुराना इतिहास

अगर आप इस जगह को एक्सप्लोर करना चाहते हैं, तो यह आपके लिए बेस्ट और नॉलेजेबल शहर हो सकता है। यहां आपको छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम देखने को मिलेगा, जहां आज 500 साल पुरानी युद्ध में पहने जाने वाले कपड़े देखने को मिलेंगी। जिसे अंग वस्त्र कहा जाता है। इसके अलावा, इस म्यूजियम में आपको औरंगजेब के हाथ से लिखी हुई कई कुरानें भी मिलेंगी। सरल शब्दों में कह सकते हैं कि इस शहर का इतिहास लगभग 500 साल से भी अधिक पुराना है, जहां सालों भर पर्यटकों की भीड़ देखने को मिलती है। यहां की बहुत सारी खासियत है। यहां आपको बहुत से रहस्यमई मंदिरों के दर्शन करने का मौका भी मिलेगा। इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए यह शहर सबसे अच्छा हो सकता है।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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