बजट सत्र शुरू होने से पहले PM Modi की विपक्षी सांसदों को नसीहत, हमें मिलकर देश के लिए जूझना है, ये सदन दल के लिए नहीं देश के लिए है

पीएम ने कहा कि पिछले सत्र में जो नई संसद का पहला सत्र था उसमें देशवासियों ने जिस सरकार को सेवा करने का हुकुम किया उसकी आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ,  ढाई घंटे तक प्रधानमंत्री का गला घोटने का ,उनकी आवाज को दबाने का प्रयास हुआ, लोकतांत्रिक परम्पराओं में इसका कोई स्थान नहीं हो सकता।

Atul Saxena
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PM Modi Parliament budget session : संसद का बजट सत्र आज सावन के पहले सोमवार से शुरू हो रहा है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कल केंद्रीय बजट प्रस्तुत करेंगे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बजट को अमृत काल का बजट बताया है, सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने मीडिया को संबोधित किया और विपक्षी सांसदों को नसीहत देते हुए कहा कि जनवरी से लेकर हम लोगों के पास जिनता सामर्थ्य था उस सामर्थ्य से जितनी लड़ाई लड़नी थी लड़ ली,अब वो दौर समाप्त हुआ, देश ने अपना निर्णय दे दिया है, अब चुने हुए सभी सांसदों का कर्तव्य है, सभी राजनीति दलों की विशेष जिम्मेदारी है कि आने वाले पांच वर्षों के लिए हमें देश के लिए लड़ना है, देश के लिए जूझना है और एक और नेक बनकर जूझना है।

आज सावन का पहला सोमवार है। इस पवित्र दिवस पर एक महत्वपूर्ण सत्र का प्रारंभ हो रहा है। सावन के पहले सोमवार पर मैं देशवासियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। आज संसद का मानसून सत्र भी आरंभ हो रहा है। देश बहुत बरीकी से देख रहा है कि संसद का ये सत्र सकारात्मक हो, सृजनात्मक हो और देशवासियों के सपनों को सिद्ध करने के लिए एक मजबूत नीव रखने वाला हो।

कल हम जो बजट पेश करेंगे, वह अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट है: मोदी 

कल हम जो बजट पेश करेंगे, वह अमृतकाल का महत्वपूर्ण बजट है। हमें पांच साल का जो अवसर मिला है, ये बजट ​हमारे उन पांच साल की दिशा तय करेगा। ये बजट 2047 के विकसित भारत के सपने मजबूत देने वाला होगा। मैं देश के सभी दलों के सांसदों से आग्रहपूर्वक कहना चाहता हूं कि गत जनवरी से लेकर हम लोगों के पास जिनता सामर्थ्य था उस सामर्थ्य से जितनी लड़ाई लड़नी थी लड़ ली, जनता को जो बात बतानी थी बता दी। किसी ने राह दिखाने का प्रयास किया तो किसी ने गुमराह करने का प्रयास किया। अब वो दौर समाप्त हुआ, देश ने अपना निर्णय दे दिया है, अब चुने हुए सभी सांसदों का कर्तव्य है, सभी राजनीति दलों की विशेष जिम्मेदारी है कि आने वाले पांच वर्षों के लिए हमें देश के लिए लड़ना है, देश के लिए जूझना है और एक और नेक बनकर जूझना है।

विपक्ष को नसीहत, अभी देश के लिए मिलकर काम करें, 2029 में जाइए चुनाव मैदान में 

मैं सभी राजनीतिक दलों से भी कहूंगा कि आइए, हम 4-4.5 साल दल से ऊपर उठकर सिर्फ और सिर्फ देश को समर्पित होकर संसद के इस गरिमापूर्ण मंच का उपयोग करें। जनवरी 2029, जब चुनाव का वर्ष होगा, तब आप जाइए मैदान में, सदन का उपयोग करना है, तो कर लीजिए, 6 महीने जो खेल खेलना है खेल लीजिए। लेकिन तब तक देश के युवा, किसान, महिला के सामर्थ्य के लिए, उनको सशक्त करने के लिए जनभागीदारी का एक आंदोलन खड़ा करके 2047 के संकल्प को पूरा करने के लिए हम पूरी ताकत लगाएं।

पीएम बोले- ढाई घंटे तक सदन में प्रधानमंत्री का गला घोटने का प्रयास किया गया, ये देश देख रहा है 

पीएम ने कहा कि पिछले सत्र में जो नई संसद का पहला सत्र था उसमें देशवासियों ने जिस सरकार को सेवा करने का हुकुम किया उसकी आवाज को कुचलने का अलोकतांत्रिक प्रयास हुआ,  ढाई घंटे तक प्रधानमंत्री का गला घोटने का ,उनकी आवाज को दबाने का प्रयास हुआ, लोकतांत्रिक परम्पराओं में इसका कोई स्थान नहीं हो सकता, उन्हें कोई पश्ताचाप नहीं है, दिल में कोई दर्द तक नहीं है, मैं फिर आग्रहपूर्वक कहता हूँ देशवासियों ने हमें यहाँ देश के लिए भेजा है दल के लिए नहीं , ये सदन दल के लिए देश के लिए है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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