Sikkim Employees News : लोकसभा और विधानसभा चुनाव से पहले हर वर्ग को साधने के लिए सिक्किम सरकार ने आए दिन बड़े फैसले ले रही है। हाल ही में सिक्किम की प्रेम सिंह तमांग सरकार ने कर्मचारियों के हित 2 बड़े फैसले लिए गए है। इसमें 4 साल से ज्यादा समय से कार्यरत सभी सरकारी कर्मचारियोंको नियमित करना और जिला और ग्राम पंचायत सदस्यों का मासिक मानदेय दोगुना करना शामिल है। मानदेय वृद्धि एक फरवरी 2024 से लागू होगी यानि मार्च से खाते में सैलरी बढ़कर आएगी।
सरकारी कर्मचारियों को किया जाएगा नियमित
दरअसल, दो दिन पहले सीएम प्रेम सिंह तमांग ने ऐलान किया है कि चार साल से अधिक समय से सेवाएं दे रहे सरकारी कर्मचारियों की सेवाओं को नियमित किया जाएगा और इस संबंध में इस महीने एक अधिसूचना जारी की जाएगी। । उन्होंने गरीब परिवारों को सरकारी योजना के तहत घर देने की भी घोषणा करते हुए कहा कि इस वर्ष से राज्य के सभी 32 विधानसभा क्षेत्रों से 300 लाभार्थियों को गरीब आवास योजना के तहत घर मिलेंगे।
पंचायत सदस्यों का मानदेय दोगुना
सिक्किम सरकार ने जिला पंचायत और ग्राम पंचायत सदस्यों का मासिक मानदेय दोगुना कर दिया है।नई दरें एक फरवरी से लागू होगी। सिक्किम में 113 जिला पंचायत सदस्य और 1,040 ग्राम पंचायत सदस्य हैं, जिनको यह लाभ मिलेगा।इससे पहले आखिरी बार अप्रैल 2018 में तत्कालीन पवन चामलिंग सरकार द्वारा मासिक मानदेय और वार्षिक विवेकाधीन अनुदान बढ़ाया गया था।
किसकी कितनी बढ़ेगी सैलरी
इसके तहत जिला पंचायत सदस्यों और ग्राम पंचायतों के सभापति को अब 10,000 रुपये के बजाय 20,000 रुपये,ग्राम पंचायत के उपसभापतियों को पहले के 9,500 रुपये की तुलना में 19,000 रुपये प्रति माह और ग्राम पंचायत के सदस्यों को पहले के 9,000 रुपये की तुलना में 18,000 रुपये मिलेंगे।इसके अलावा जिला पंचायत सदस्यों और सभापति के लिए वार्षिक विवेकाधीन अनुदान 20,000 रुपये , उपसभापति और ग्राम पंचायत के सदस्यों को क्रमशः 14,000 रुपये और 10,000 रुपये प्रति वर्ष मिलेंगे।
जल्द प्रदेश में होने है विधानसभा चुनाव
सिक्किम सरकार के इन दोनों फैसलो को विधानसभा चुनाव (32 सीटें) से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि कुछ ही महीने में 32 सीटों पर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले 2019 में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) के अध्यक्ष तमांग मई में मुख्यमंत्री बने थे। सीएम तमांग की पार्टी- एसकेएम को 17 सीटें मिली थीं, उन्होंने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी। एक अन्य दल एसकेएफ को 15 सीटें मिली थीं।