Employees Regularization : कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। उन्हें नियमितीकरण का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए नई नीति तैयार की जाएगी। संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नीति की घोषणा प्रदेश सरकार द्वारा की गई थी।
पंजाब सरकार के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह द्वारा सोमवार को महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। जिसमें कहा गया कि संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। इसके लिए नई नीति लाई जाएगी। बलबीर सिंह ने सोमवार को चंडीगढ़ में कहा कि पंजाब सरकार जल्द ही स्वास्थ्य विभाग के कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित करेगी। इसके लिए एक नीति तैयार की जा रही है।
बीमा कवर का मिलेगा लाभ
वही मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार जल्दी आयुष्मान योजना के तहत संविदा कर्मचारियों और आशा कार्यकर्ताओं से ही स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मचारियों को बीमा कवर प्रदान करेगी। इसके लिए समय बदल तरीके से तौर तरीके तलाशने के लिए स्वास्थ्य एजेंसियों को निर्देश दिया जा चुका है। इसके साथ ही स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम का भुगतान भी राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। इसकी जानकारी स्वास्थ्य मंत्री द्वारा दी गई है।
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्री ने कहा कि सीएम भगवंत मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार कर्मचारी हितैषी निर्णय ले रही है। बिना किसी देरी के शिकायतों को हल करने के लिए यूनियन नेताओं को बुलाया गया था। मंत्री ने कहा है कि मांगों को मनवाने के लिए आंदोलन पर नहीं रहना होगा। जल्द ही राज्य शासन इस पर निर्णय लेगी।
मंत्री की घोषणा
मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने हमेशा स्वास्थ्य कर्मचारियों की भावनाओं को और मांग का सम्मान किया जाएगा। स्वास्थ्य सहायता प्राप्त करने में जनता को किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। इसके लिए कर्मचारियों से अधिक उत्साह के साथ काम करने का आग्रह किया गया है।
कर्मचारियों की मांग
कर्मचारी सरकार पर लगातार उन्हें नियमित करने का दबाव बना रहे हैं। इसके साथ ही कर्मचारियों की मांगे कि उन्हें स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न वर्गों के तहत रिक्त पदों पर सीधे समायोजित किया जाए। इतना ही नहीं क्योंकि मांगे कि जब तक उनकी सेवाओं को औपचारिक रूप से नियमित नहीं किया जाता, तब तक सरकार द्वारा उन्हें स्थाई कर्मचारियों के बराबर मुआवजा देना चाहिए। साथ ही मांग की है कि एनएचएम कर्मचारियों को वेतन आयोग का कोई लाभ नहीं दिया जा रहा है। इसलिए मौजूदा वेतन में कम से कम 30% की वृद्धि की जानी चाहिए।