Employees Regularization : कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। नियमितीकरण को लेकर मामला लगातार उलझता जा रहा है। मुख्यमंत्री की घोषणा के बावजूद अभी तक नियमितीकरण का लाभ कर्मचारियों को नहीं मिला है। हालांकि समिति की अनुशंसा पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा विधि और विधायी कार्य विभाग से अभिमत की मांग की गई है। विधि विभाग ने इस मामले के संबंध में महाधिवक्ता का भी अभिमत मांगा है।
हालांकि छत्तीसगढ़ में अभी तक नियमितीकरण को लेकर राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों की मांग को पूरा नहीं किया गया है। अनियमित कर्मचारी लगातार नियमितीकरण की मांग उठा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में अनियमित कर्मचारी मोर्चा द्वारा लगातार अनोखा प्रदर्शन किया जा रहा है। अन्य कर्मचारियों द्वारा धरना प्रदर्शन करने के साथ ही पंचायत सचिव भी काम ठप्प कर आंदोलन पर चले गए हैं।
वही उनका कहना है कि जब तक सरकार द्वारा उनकी मांग को पूरा नहीं किया जा जाता, तब तक वह धरना प्रदर्शन जारी रखेंगे। प्रदेश के सभी अनियमित कर्मचारी नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। प्रदेश में अनियमित कर्मचारी, नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन जारी रख सकते हैं।
भेजे गए पांच प्रश्न
इससे पहले मार्च महीने में लाखों अनियमित कर्मचारी के नियमितीकरण पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया गया है। विभागों को जानकारी भेजने के लिए पांच प्रश्न भेजे गए थे। वही मुख्यमंत्री ने जानकारी देते बताया कि इनके आधार पर ही नियमितीकरण का निर्णय लिया जाएगा।
छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि विभिन्न विभागों से संविदा कर्मी, दैनिक, वेतन भोगी सहित तमाम चार प्रकार के केटेगरी तय किए गए उनके बारे में जानकारी मांगी गई है। इसके लिए समिति का भी गठन किया जा चुका है। जिसके लिए दो बैठकें अब तक की जा चुकी है। उन्होंने स्पष्ट किया था कि जब तक जानकारी नहीं आती, तब तक निर्णय नहीं लिया जा सकता है। बिना जानकारी के उस पर कैसे विचार किया जा सकता है। सीएम ने कहा था जब जानकारी आ जाएगी तब विचार किया जाएगा।
अब तक हुई प्रक्रिया
इसके साथ ही इस वर्ष बजट सत्र के दौरान भी कर्मचारियों के मुद्दे को उठाया गया था। जिसमें जानकारी देते हुए कहा गया था कि नियमितीकरण के लिए सरकार द्वारा समिति का गठन किया गया है। विभागों से जानकारी जुटाई जा रही है। नियमितीकरण की प्रक्रिया को लेकर मुख्यमंत्री द्वारा लिखित में जवाब दिया गया था।
जिन्होंने कहा गया था कि 2019 में ही प्रमुख सचिव वाणिज्य और उद्योग सहित सार्वजनिक उपक्रम विभाग के अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। पहली बैठक 2020 में की गई थी। वहीं बैठक में निर्णय लिया गया था कि शासन द्वारा सभी विभाग के अनियमित, दैनिक वेतन भोगी और संविदा पर काम करें कर्मचारियों की संख्या जाने के लिए 44 विभागों से जानकारी मांगी गई है। जिसमें अब तक 38 विभाग द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई गई है। 8 विभागों की जानकारी अब भी आनी बाकी है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा पत्र में किए गए वादे के बाद अब तक 4 साल बाद भी नियमितीकरण का लाभ कर्मचारियों को नहीं मिला है। अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रमुख का कहना है कि राज्य में लगभग 5 लाख तक अनियमित कर्मचारी कार्यरत है।