College/University Teacher 2023 : बिहार के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों-कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। बिहार शिक्षा विभाग के सचिन ने कॉलेज शिक्षकों के लिए एक बड़ा आदेश जारी किया है, इसके तहत प्रतिदिन 5 कक्षाएं लेना अनिवार्य है, नहीं तो उस दिन का पूरा वेतन काटा जाएगा। यह नियम विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय में कार्यरत सभी नये व पुराने शिक्षकों पर लागू होगा।
करना होगा इन नियमों का पालन
- आदेश के तहत यदि कॉलेज के कक्षाओं में छात्र-छात्रा नहीं हैं तो शिक्षकों को समीप के कॉलेज में जाकर कक्षाएं लेनी होंगी। छात्रों के शिक्षा के प्रति घट रहे उत्साह, अधूरे सिलेबस को पूरा करने और शिक्षा के स्तर को मजबूती देने के लिए ये कदम उठाया गया है। शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को आदेश जारी कर इसका अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा है।
- कुलपतियों को निर्देश दिए गए है कि सभी कुलपति नये रूटीन बनाकर उसे प्रभावी तरीके से लागू करें और प्राचार्यों शिक्षकों के स्तर से लापरवाही बरती जाए तो अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए उनका तत्काल वेतन बंद करें।
- विभाग ने समयसीमा के अंदर सिलेबस को पूरा करने के लिए सभी कुलपतियों के साथ-साथ प्राचार्यों एवं शिक्षकों को भी निर्देश जारी किए । यदि सारी कक्षाएं आवंटित करना संभव नहीं है तो शेष कक्षाओं को पूरा करने के लिए शिक्षकों के समीप के अन्य कॉलेजों में भेजा जाए और इसका अनुपालन जिस शिक्षक द्वारा नहीं किया जाता है उनका उस दिन का वेतन बंद किया जाए। इससे संबंधित साप्ताहिक रिपोर्ट शिक्षा विभाग को उपलब्ध करायी जाए।
200 से अधिक संस्थान के प्राचार्यों के वेतन पर रोक
बता दे कि हाल ही में शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से 200 से अधिक अनुदानित कॉलेजों के प्राचार्यों और सहायक प्राचार्यों का वेतन अगले आदेश तक रोक दिया गया है। यह आदेश कॉलेज की आंतरिक स्रोत की राशि से दी जाने वाली राशि पर प्रभावी होगा, कॉलेज उस राशि से भी प्राचार्यों के वेतन का भुगतान नहीं कर सकेगा। यह आदेश उन अनुदानित कॉलेजों पर प्रभावी है, जिन्हें छात्र-छात्राओं के रिजल्ट के आधार पर सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है। उच्च शिक्षा निदेशक द्वारा जारी पत्र के माध्यम से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों की कुल सचिवों को इस आदेश का पालन करने के लिए कहा गया है। वही अनुदानित कॉलेजों के अलावा कई प्रोफेशनल/वोकेशनल/बीएड कोर्स संचालित करने वाले निजी कॉलेजों ने भी शिक्षा विभाग द्वारा मांगी गई जानकारी गूगल सीट पर अपलोड नहीं की हैं, जिसके बाद यह एक्शन लिया गया है।