OLD PENSION SCHEME 2023 : आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले देशभर में पुरानी पेंशन योजना को लेकर चर्चाएं जोरों पर है। राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ और झारखंड में ओपीएस लागू होने के बाद केन्द्रीय कर्मचारियों के साथ अलग अलग राज्यों के सरकारी कर्मचारियों ने इसकी मांग तेज कर दी है। इसके लिए अब केंद्र एवं राज्य सरकारों के कर्मचारी संगठन भी एकजुट हो गए हैं। अमर उजाला की खबर के मुताबिक, इसको लेकर राष्ट्रीय युवा दिवस 12 जनवरी को जन जागरूकता अभियान शुरु होगा।
इसके बाद विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य स्तर के कर्मचारी संगठन, पुरानी पेंशन के मुद्दे पर गेट मीटिंग करेंगे। 21 जनवरी को नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन (एनजेसीए) की नेशनल कन्वेंशन की बैठक बुलाई गई है, जिसमे आगे की रणनीति तैयार होगी। इस बैठक में ओपीएस को लेकर कई विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया गया है। एनजेसीए ने केंद्र को ओपीएस लागू करने के लिए 8 माह का समय दिया है। अगर इस अवधि में पुरानी पेंशन लागू नहीं होती है, तो 19 सितंबर को भारत बंद कर विरोध जताया जाएगा। हालांकि इस बीच जनवरी से सितंबर तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेंगे।
7 जनवरी को हुई थी बड़ी बैठक
बता दे कि बीते दिनों केंद्र सरकार में ‘स्टाफ साइड’ की राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा की अध्यक्षता में 7 जनवरी को नई दिल्ली के प्यारेलाल भवन में हुई बैठक में ओपीएस बहाली की मांग को लेकर कई बड़े फैसले लिए गए थे। इस बैठक में कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स मार्टियर्स वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव रणबीर सिंह भी शामिल हुए। इस बैठक में तय किया गया था कि अब OPS के मुद्दे पर दिल्ली ही नहीं बल्कि राज्यों की राजधानी और जिला स्तर पर आंदोलन होगा।
ऐसे चलेगा 8 महीने पूरा आंदोलन
- 8 महीने जारी रहने वाले इस आंदोलन में 10 फरवरी से 20 फरवरी तक NJCA का ऑनलाइन पिटीशन अभियान, 21 फरवरी को रेलवे में ब्रांच लेवल पर रैली, 21 मार्च को जिला स्तर पर एनजेसीए द्वारा रैलियां और 21 अप्रैल को एनजेसीए की राष्ट्रीय संचालन समिति की अहम बैठक बुलाई गई है जिसमें कर्मचारी संगठन स्थानीय इकाई, OPS को लेकर गेट मीटिंग करेंगे।
- इसके बाद 21 मई को देश के सभी जिलों में कर्मचारी संगठन, मशाल जुलूस निकालेंगे। और 21 जून को राज्यों की राजधानियों में रैलियां आयोजित होंगी।
- इसके बाद जुलाई और अगस्त महीने में संसद के मानसून सत्र के दौरान नई दिल्ली में अखिल भारतीय स्तर पर एक मेगा रैली निकाली जाएगी। अगर तब तक केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली को लेकर कोई सकारात्मक पहल नहीं की तो 19 सितंबर को भारत बंद किया जाएगा।
- पुरानी पेंशन बहाली के लिए 2023 का रोड मैप तैयार कर लिया गया है। यह आंदोलन शिव गोपाल मिश्रा के नेतृत्व में होगा।
- नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन के सभी सदस्यों को 14 फरवरी को पुलवामा शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए जंतर-मंतर पर आमंत्रित किया है।
OPS VS NPS
- पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकार द्वारा कर्मचारियों-पेंशनरों को पूरी पेंशन राशि दी जाती थी। 1 जनवरी 2004 से NPS यानी नई पेंशन स्कीम लागू है कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 प्रतिशत पेंशन में योगदान करते हैं, जबकि राज्य सरकार 14 प्रतिशत का योगदान करती है।
- OPS के तहत रिटायरमेंट के वक्त कर्मचारी के वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है, क्योंकि पुरानी स्कीम में पेंशन का निर्धारण सरकारी कर्मचारी की आखिरी बेसिक सैलरी और महंगाई दर के आंकड़ों के अनुसार होता है।पुरानी पेंशन स्कीम में पेंशन के लिए कर्मचारियों के वेतन से कोई पैसा कटने का प्रावधान नहीं है। पुरानी पेंशन योजना में भुगतान सरकार की ट्रेजरी के माध्यम से होता है।
- पुरानी पेंशन स्कीम में 20 लाख रुपये तक ग्रेच्युटी की रकम मिलती है, रिटायर्ड कर्मचारी की मृत्यु होने पर उसके परिजनों को पेंशन की राशि मिलती है।हर 6 महीने बाद मिलने वाले DA का प्रावधान है, यानी जब सरकार नया वेतन आयोग (Pay Commission) लागू करती है, तो भी इससे पेंशन (Pension) में बढ़ोतरी होती है।
- पुरानी पेंशन एक सुरक्षित योजना है, जिसका भुगतान सरकारी खजाने से किया जाता है। नई पेंशन योजना शेयर बाजार पर आधारित है, जिसमें बाजार की चाल के अनुसार भुगतान किया जाता है।