Old Pension Scheme 2023 : 5 राज्यों में पुरानी पेंशन योजना दोबारा से लागू होने के बाद देशभर में एक बार फिर इसकी बहाली की मांग तेज हो चली है। मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और महाराष्ट के बाद अब जम्मू कश्मीर में भी ओपीएस को लागू करने की मांग उठने लगी है। अब डॉक्टर्स एसोसिएशन कश्मीर (DAK) ने जम्मू-कश्मीर के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग की।
डीएके के अध्यक्ष डॉ. निसार उल हसन का कहना है कि पुरानी पेंशन प्रणाली की बहाली से कर्मचारियों की सामाजिक और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित होगी। ओपीएस के तहत एक कर्मचारी को मासिक पेंशन के रूप में उसके अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत महंगाई भत्ते के अतिरिक्त और सरकार द्वारा घोषित किए जाने पर मिलता है।
2010 के बाद के कर्मचारी ओपीएस के पात्र नहीं
उन्होंने बताया कि सेवानिवृत्त कर्मचारी के निधन के बाद नामांकित व्यक्ति को सेवानिवृत्त कर्मचारी द्वारा आहरित कुल राशि का 50% परिवार पेंशन के रूप में मिलता है। जम्मू-कश्मीर में 01 जनवरी 2010 को या उसके बाद भर्ती हुए सरकारी कर्मचारी OPS के लिए पात्र नहीं हैं और नई पेंशन योजना के तहत आते हैं। NPS पेंशन की गारंटी नहीं देती है और नई व्यवस्था में पारिवारिक पेंशन का कोई प्रावधान नहीं है।इसमें कर्मचारियों को अपने मासिक वेतन का 10% योगदान होता है, जिसे सरकार इक्विटी शेयरों में निवेश करती है।
जानिए क्या अंतर है OPS और NPS में
- OPS में सरकारी कर्मचारी के रिटायर होने के बाद आखिरी मूल वेतन और महंगाई भत्ते की आधी रकम बतौर पेंशन ताउम्र सरकार के राजकोष से दी जाती है।OPS में हर साल दो बार महंगाई भत्ता भी बढ़कर मिलता है,पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी की मौत होने पर उसके परिवार के पेंशन दिए जाना भी ओपीएस में शामिल हैं।
- NPS एक कंट्रीब्यूटरी स्कीम है, जिसमें कर्मचारियों को अपने वेतन का दस प्रतिशत हिस्सा देना होता है। सरकार कर्मचारी के एनपीएस खाते में 14 प्रतिशत भाग डालती है।पेंशन कमीशन के लागू होने पर पेंशन रिवाइज्ड होने का फायदा भी रिटायर कर्मचारी को मिलता है।
- OPS में पेंशन लेने वाले शख्स के 80 साल का होने पर मूल पेंशन में 20 फीसदी की वृद्धि होती है, इस तरह से पेंशनधारक के 85 की उम्र में 30 फीसदी, 90 की उम्र में 40 फीसदी, 95 की उम्र में 50 फीसदी और 100 की उम्र होने पर 100 फीसदी बढ़ता है।पेंशनधारक की उम्र 100 तक पहुंचने पर पेंशन की रकम दोगुनी हो जाती है।
- नई पेंशन योजना (New Pension Scheme) के तहत सरकारी कर्मचारी को अपनी पेंशन में मूल वेतन का 10 फीसदी देना होता है और इसमें राज्य सरकार केवल 14 फीसदी का ही योगदान देती है।
- नई पेंशन स्कीम के तहत सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है। सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।
- NPS शेयर बाजार पर आधारित है। इसमें महंगाई भत्ते का प्रावधान शामिल नहीं है।NPS में सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को कुल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है।OPS में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी मिलती है।NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का कोई स्थायी प्रावधान नहीं है।
- OPS में कर्मचारी के रिटायरमेंट पर GPF के ब्याज पर उसे किसी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता।
OPS के विपरीत नई पेंशन स्कीम में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के अनुसार जो भी पैसा मिलेगा,आपको उसपर टैक्स देना होता है।ओपीएस में कर्मचारियों के लिए 6 महीने के बाद मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू किया जाता है।न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में 6 महीने के उपरांत मिलने वाला महंगाई भत्ता (DA) लागू नहीं होता है।