शिक्षकों-कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर, बकाया-भत्तों के भुगतान पर अपडेट, विभाग ने जारी किए ये नए निर्देश, अब इस तरह मिलेगा लाभ

Pooja Khodani
Published on -
hp news

UP Teacher Employees Payment update : उत्तर प्रदेश के एडेड इंटर कॉलेजो के शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मियों के लिए राहत भरी खबर है। बकाया भत्तों के लिए भुगतान को लेकर राज्य सरकार ने अब नए निर्देश जारी किए है। इसके तहत अब शिक्षकों कर्मियों को निदेशालय और शासन के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इससे शिक्षकों और कर्मचारियों के इंक्रीमेंट, पेंशन, जीपीएफ सहित कई तरह के भत्तों के भुगतान में मदद मिलेगी।

अब इस तरह होगा भत्तों का भुगतान, ये समितियां देंगी अनुमति

यूपी माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के तहत,   अब दो लाख रुपये तक के भुगतान की अनुमति जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) और लेखाधिकारी से लेनी होगी। वही चार लाख तक के भुगतान की अनुमति संयुक्त शिक्षा निदेशक (JD) ,,मंडलीय उप शिक्षा निदेशक(DDR) और मंडलीय लेखाधिकारी स्तर से ली जाएगी। वही चार लाख रुपये से ऊपर के भुगतान के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अनुमति जरूरी होगी। भुगतान के लिए DIOS अपनी रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को भेजेंगे और फिर वित्त नियंत्रक के परीक्षण के बाद निदेशक से अनुमति लेकर संयुक्त शिक्षा निदेशक आदेश देंगे।

8 लाख से अधिक के लंबित भत्तों के भुगतान के लिए 

इसके अलावा आठ लाख से अधिक के मामलों में DIOS की रिपोर्ट पर निदेशक की अनुमति से अपर शिक्षा निदेशक भुगतान आदेश कर सकेंगे। ये सभी नियम चयन बोर्ड और आयोग से चयनित शिक्षकों पर लागू होंगे।इस फैसले से कर्मचारियों शिक्षकों को सेवा के दौरान और रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले लाभ, इंक्रीमेंट, पेंशन, जीपीएफ सहित कई तरह के भत्तों के भुगतान में मदद मिलेगी।  पुराने लंबित मामलों में भी नए आदेश से राहत मिलेगी।

पहले ऐसी थी व्यवस्था

गौरतलब है कि अभी तक शिक्षकों और कर्मचारियों को सेवा के दौरान और रिटायरमेंट के बाद के मिलने वाले भत्तों के भुगतान के लिए भटकना पड़ता था, क्योंकि DIOS को अधिकार नहीं था। DIOS और लेखाधिकारी परीक्षण करके सिर्फ इन्हें फॉरवर्ड करते थे और फिर JD के स्तर से दो लाख रुपये तक के भुगतान की अनुमति मिलती थी, इससे अधिक के भुगतान के लिए निदेशालय और शासन के पास जाना पड़ता था।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News