राज्य कर्मचारियों को बड़ी राहत, कैबिनेट ने दी इस प्रस्ताव को मंजूरी, पेंशन में मिलेगा बड़ा लाभ

Pooja Khodani
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जयपुर, डेस्क रिपोर्ट। राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है।सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। राज्‍य सरकार ने सामान्य प्रावधायी निधि नियम (general provisional fund rules) 2021 में संशोधन किया है।अशोक गहलोत सरकार ने सभी कर्मचारियों के लिए GPF कटौती मंजूर कर ली है। सन 2004 के बाद नियुक्त हुए सभी कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।

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सीएम अशोक गहलोत ने बताया कि कैबिनेट में ‘राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम,2021’ में संशोधन करने का निर्णय लिया। इस प्रस्ताव की क्रियान्विति के क्रम में 01-01-2004 व उसके पश्चात नियुक्त राज्य कर्मचारियों पर राजस्थान राज्य कर्मचारी सामान्य प्रावधायी निधि नियम, 2021 के प्रावधान लागू होंगे।

सीएम अशोक गहलोत ने बताया कि ये कार्मिक निर्धारित जीपीएफ अभिदान की कटौती कराते हुए जीपीएफ के प्रावधानों के अंतर्गत दिनांक 01-01-2004 से पूर्व नियुक्त कर्मचारियों के समान ही जीपीएफ की परिधि में आ जाएंगे।

इस फैसले के साथ ही राज्‍य के सरकारी कर्मचारियों को जीपीएफ के दायरे में रखा जाएगा। इस प्रस्‍ताव के तहत एक जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त होने वाले राज्य कर्मचारियों पर जीपीएफ नियम, 2021 लागू होंगे। इससे ये कर्मचारी भी 2004 से पहले नियुक्‍त कर्मचारियों की तरह ही जीपीएफ की कटौती होगी।

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बता दे कि जीपीएफ का फुल फॉर्म जनरल प्रोविडेंट फंड(General Provident Fund) होता है।जीपीएफ एक तरह का रिटायरमेंट प्‍लान है, जो कर्मचारियों के लिए रिटायमेंट फंड जुटाता है और यह रकम कर्मचारियों के रिटायमेंट के वक्‍त मिलता है। यह सामान्य प्रावधायी निधि नियम अकाउंट सरकारी कर्मचारियों के लिए होते है। यह ईपीएफ (EPF) की तरह ही है और इसी आधार पर काम करता है।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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