रायपुर| छत्तीसगढ़ की धरती एक बार फिर नक्सली हमले से दहल गई है| इस हमले से 26 मई 2013 को हुए झीरम कांड की याद दिला दी है| तब झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस के 25 नेताओं की हत्या कर दी थी। यह हमला देश के इतिहास के सबसे बड़े नक्सली हमलों में गिना जाता है। इस हमले में 4 बड़े नेताओं की भी मौत हो गई थी। नक्सलियों ने बर्बरता की हदें पार कर दी थी| अब बस्तर लोकसभा के लिए 11 अप्रैल को मतदान होने से पहले फिर नक्सलियों ने बड़ा हमला किया है| इस हमले में बस्तर से भाजपा के इकलौते भाजपा विधायक भीमा मंडावी की मौत हो गई है।
नक्सलियों ने हमला उस वक्त किया, जब वो चुनावी सभा को संबोधित कर वापस लौट रहे थे। उसी वक्त इनके काफिले की एंटी लैंडमाइन व्हीकल को आईईडी ब्लास्ट से नक्सलियों ने उड़ा दिया। इस हमले में भाजपा विधायक और विधानसभा में उपनेता भीमा भंडावी की मौत हो गई।
बस्तर संभाग से भाजपा की टिकट पर भीमा मंडावी अकेले जीतने वाले नेता थे। बीजेपी ने उन्हें विधानसभा में उपनेता बनाया भी था। मांडवी 2008 में पहली बार चुनाव जीते थे। उन्हेोंने महेंद्र कर्मा जैसे दिग्गज नेता को चुनाव में हराया था। साल 2013 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी देवती कर्मा के हाथों हार मिली थी। साल 2018 में वे वापस चुनाव जीतकर आए और बस्तर संभाग से भाजपा के इकलौते विधायक थे। विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष भी और भाजपा के आदिवासी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी थे। उनकी छवि के कट्टर हिंदूवादी नेता के तौर पर रही है। वो लंबे वक्त तक विश्व हिंदू परिषद से भी जुड़े रहे हैं।