उत्तर प्रदेश, डेस्क रिपोर्ट
प्रदेश के सीएम योगी आदित्यानाथ आए दिन किसी ना किसी मामले को लेकर सुर्खियों में बने रहते है। आज एक और मामला सामने आया है, जिसके चलते एक बार फिर सीएम योगी सुर्खियों में है। प्रदेश के फर्रुखाबाद के भाजपा सांसद मुकेश राजपुत ने योगी सरकार पर आरोप लगाया है कि सीएम योगी से अब किसी भी अधिकारी की शिकायत करने में डर लगता है। मुख्यमंत्री से अगर किसी अधिकारी की शिकायत की जाए तो कोई कार्रवाई नहीं होती है, क्योकि आरोपी अधिकारियों से ही मामले की जांच कराई जा रही है।
आगे सांसद ने आरोप लगाते हुए कहा कि जब से योगी आदित्यानाथ ने प्रदेश की बागडोर अपने हाथ में ली है, तब से किसी भी मामले में कार्रवाई नहीं हुई है। जिस किसी मामले में कार्रवाई की बात कही जाती है तो सीएम आरोपी अधिकारियों से उस मामले की जांच करवाते है। उत्तरप्रदेश के हर प्रतिनिधि के साथ ऐसा हो रहा है। आगे उन्होंने कहा कि एक आरोपी अधिकारी को किसी भी मामले की जांच सौंपने से जांच का औचित्य ही समाप्त हो जाता है। सांसद ने सीएम से गुहार लगाते हुए कहा कि जिन अधिकरियों की शिकायत की जा रही है, कम से कम से उनसे कार्रवाई न कराई जाए। अगर कोई गंभीर आरोप है तो उसकी उच्च अधिकारियों से जांच करवाई जाए।
दरअसल, कोविड एल-1 अस्पताल में भर्ती कोरोना संक्रमित मरीज खराब खाना दिए जाने की शिकायत कर रहे थे, जिसके मद्देनजर सांसने ने शासन को पत्र लिखा था और मामले की और ध्यान खींचने की कोशिश की थी। जिसके बाद सीएम कार्यालय के विशेष कार्याधिकारी आरएन सिंह ने मामले में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य औऱ आयुक्त कानपुर मंडल को जांच के आदेश दिए थे। जिसकी जांच रिपोर्ट एक हफ्ते के भीतर मांगी गई थी, जिसके बाद भी रिपोर्ट एक महीने बाद भेजी गई और उस रिपोर्ट में सीडीओ डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने शिकायत को पूरी तरह से खारिज कर दिया था। साथ ही सांसद की शिकायत को झूठा करार दिया था।
सांसद मुकेश राजपूत ने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरा कर्तव्य है कि मैं जनहित के मुद्दे उठाऊं और आगे भी मैं अपना काम करता रहूंगा, जनता सब जानती है। आगे उन्होंने कहा कि मैं इस मामले को सीएम के सामने भी उठाऊंगा। वहीं इस पूरे मुद्दे पर जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह का कहना है कि जो रिपोर्ट सीएमओ ने दी थी उसी के आधार पर मुख्य विकारस अधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने आख्या लगाई है. रिपोर्ट तथ्यों के आधार पर भेजी गई है.