नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। इस पत्र में कांग्रेस द्वारा देश की सुरक्षा को लेकर जो वादे किए गए है उस भाजपा ने सवाल उठाए है। केंद्रीय वित्त मंत्री और अरुण जेटली ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर घोषणापत्र पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के मैनिफेस्टो में ऐसे एजेंडे है जो देश को तोड़ने का काम करते हैं।बता दे कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में देशद्रोह की धारा 124ए को हटाने और आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट (एएफएसपीए) की समीक्षा की बात कही है।
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि कांग्रेस एक भी वोट पाने की हकदार नहीं है।AFSPA कानून उसी जगह पर लगा है जहां पर अशांति है, ऐसे में उन जगहों पर CRPC को बदलना किसी खतरे से कम नहीं होगा। देशद्रोह का कानून हटाना सही नहीं है।
अरुण जेटली ने कहा कि मेनिफेस्टो के 35वें पन्ने में कहा गया है रूल-रेगुलेशन और कानून का रिव्यू होगा। राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर इस मेनिफेस्टो में कहा गया है- यह स्पष्ट है कि जितना हमनें आतंक के खिलाफ झेला है किसी देश ने नहीं झेला होगा। आतंक के खिलाफ लड़ाई 26/11 के बाद शुरू नहीं हुई थी। हम आतंकवादी की समस्या को काफी हद तक काबू कर चूके हैं. हमनें जम्मू-कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा खोयास उसके बाद जिस प्रावधान को पंडित नेहरू ने इंदिरा जी ने मनमोहन सिंह ने छूने का प्रयास नहीं किया। वह कहते हैं कि देशद्रोह करना अब अपराध नहीं होगा जो पार्टी ऐसी घोषणा करती है वह एक भी वोट की हकदार नहीं है।
जेटली ने कहा कि दूसरा प्रावधान है- सीआरपीसी को बदला जाएगा, कि जमानत अब से नियम बन जाएगा और जमानत न देना उसका अपवाद यानी आतंकवादी भी जमानत ले पाएगा। फिर जो महिलाओं से अपराध करेगा उसे जमानत मिलेगी। जो बड़े-बड़े घटनाएं करते हैं सीआरपीएफ के स्टेट पुलिस के लोगों को मारते है। यह प्रावधान डाला गया है कि जेहादियों और नक्सलियों को जमानत देने के लिएय़ तीसरा- हम आर्मस फोर्स स्पेशल पावर एक्ट को एमेंड करेंगे।
जेटली ने कहा कि राहुल गांधी के दोस्तों ने जो मेनिफेस्टो बनाया है वह जम्मू-कश्मीर और राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर सही नहीं है।राहुल गांधी ने कहा कि वह जो वादे करते हैं उसे लागू करते हैं। इस मेनिफेस्टो में ऐसे एजेंडे हैं जो देश को तोड़ने का काम करते हैं। यह राष्ट्र की एकता के खिलाफ जाते हैं. जो कांग्रेस पार्टी और नेहरू गांधी परिवार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर जो निर्णय लिया था वह ऐतिहासिक भूल थी। उसके लिए देश उन्हें कभी माफ नहीं कर सतका है। उस एजेंडो को और खतरनाक तरीके से आगे बढ़ाने की तैयारी है।