Board Exams: बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों के बीच नकल के मामले दिनबदिन बढ़ रहे हैं। हालांकि इस पर रोक लगाने के लिए कई राज्यों ने पहले से सख्त प्रावधान बनाए हुए हैं। अभी हाल ही में हरियाणा से भी एक नकल का मामला सामने आया था, जिसमें एक परीक्षा केंद्र में छात्रों को खिड़कियों में चढ़कर नकल करवाते हुए देखा गया था।
गौरतलब है की एक तरफ देश में बेरोजगारी का मुद्दा चरम पर है तो दूसरी और परीक्षा में विद्यार्थियों द्वारा की जा रही चीटिंग का मुद्दा। हालांकि इससे एक बड़ा सवाल अब यह है की चीटिंग करके बिना किसी मेहनत के पास होकर, बिना किसी स्किल्स और नॉलेज के जॉब के लिए भटकना कहीं इसका बड़ा कारण तो नहीं? दरअसल आज हम इस लेख में बताएंगे की अगर कोई बच्चा चीटिंग करते हुए पकड़ा जाता है तो उसे क्या सजा दी जाती है? उसपर क्या प्रावधान लगाए जाते है?
सीबीएसई बोर्ड में है सख्त सजा:
बोर्ड परीक्षाओं में नकल करने पर सजा का प्रावधान होने के बावजूद, लोग खुलेआम नकल करवाते हैं और छात्र नकल के माध्यम से पास होते हैं। लेकिन आपको बता दें की सीबीएसई बोर्ड ने चीटिंग के मामलों में काफी सख्ती बनाई है, और इसके तहत चीटिंग करने वालों को उस साल के एग्जाम देने से रोका जाता है। इसके अलावा, सीबीएसई बोर्ड ने चीटिंग के मामलों में गंभीरता के हिसाब से पांच साल तक का बैन लगाने का सख्त नियम बना रखा है।
राज्यों में क्या है इसके लिए सजा?
दरअसल राज्यों की बात की जाए तो इसके लिए सभी बोर्ड्स ने अलग अलग प्रावधान बनाए है। सीबीएसई बोर्ड के अलावा, कई राज्यों में नकल के मामले में सख्त सजा का प्रावधान है। जैसे उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले साल नकल करने वाले छात्रों पर NSA और गुंडा एक्ट के तहत कड़ी सजा का प्रावधान किया था। ऐसे ही प्रदेश बोर्ड के अनुसार नकल करने पर सजा दी जाती है।