मिलिट्री ट्रेनिंग के दौरान घायल होने पर कैडेट्स को मिलेगा रीसेटेलमेंट सुविधा, रक्षा मंत्री ने प्रस्ताव को दी मंजूरी

रक्षा मंत्रालय ने उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसमें रीसेटेलमेंट सुविधा देने की बात कही गई। अब इस प्रस्ताव के तहत ऐसे कैडेट्स जिन्हें मिलिट्री ट्रेनिंग के दौरान चोट लग गई है। उन्हें सुविधा मुहैया कराया जाएगा।

Saumya Srivastava
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Defense Minister approves the proposal of resettlement facility: मिलिट्री ट्रेनिंग कर रहे कैडेट्स को रक्षा मंत्रालय की ओर से राहत भरी खबर मिली है। मिलिट्री ट्रेनिंग के दौरान अगर किसी भी कैडेट्स को गंभीर चोट लगती है तो उन्हें रीसेटेलमेंट की सुविधा दी जाएगी। इस सुविधा के लिए जारी प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री ने कहा कि मिलिट्री ट्रेनिंग के दौरान चोट लगने की वजह से या मेडिकल आधार पर जो कैडेट्स बाहर हो जाते हैं, उन्हें भी रीसेटेलमेंट (पुर्नस्थापन) की सुविधा दी जाएगी। आइए जानते है क्या है रीसेटेलमेंट की सुविधा और प्रस्ताव में किन बातों को लेकर सहमती बनी है।

रीसेटेलमेंट सुविधा क्या है

बता दें कि मिलिट्री ट्रेनिंग के दौरान कई बार कैडेट्स को चोट लग जाती है। जिस वजह से उन्हें बाहर कर दिया जाता है। उन्हें कई सुविधओं से वंचित रहना पड़ता है। ऐसे में कैडेट्स और उनके माता-पिता रीसेटेलमेंट सुविधा की मांग करते हैं। रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया कि हर साल करीब 10 से 20 लोग चिकित्सा आधार पर अमान्य हो जाते हैं। अब उन्हें रीसेटेलमेंट सुविधा मिल सकेगा।

कैडेट्स को मिलेंगी ये सुविधाएं

रीसेटेलमेंट सुविधा के तहत कैडेट्स को ऑयल प्रॉडक्ट एजेंसी में अलॉटमेंट के लिए 8 पर्सेंट कोटा का सर्टिफिकेट दिया जाएगा। इसके अलावा मदर डेरी मिल्क बूथ, फ्रूट और वेजिटेबल शॉप का अलॉटमेंट होगा। वहीं एनसीआर में सीएनजी स्टेशन के मैनेजमेंट के लिए, एलपीजी डिस्ट्रिब्यूशनशिप के अलॉटमेंट के लिए इलेजिबिलिटी का सर्टिफिकेट दिया जाएगा। ये सारी सुविधाएं डिसएबल्ड पूर्व सैनिकों और सैनिकों की विधवाओं पर लागू होगा।

जाने प्रस्ताव जिसे मिली मंजूरी

रक्षा मंत्रालय ने जिन प्रस्ताव को मंजूरी दी है उसमें वो कैडेट्स है जिन्हें मिलिट्री ट्रेनिंग के दौरान चोट लगी है। उनके लिए अवसरों को बढ़ाने के लिए पुनर्वास महानिदेशालय ने संचालित योजनाओं के लाभ के विस्तार की अनुमति दी गई है। मंत्रालय ने बताया कि यह फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि कैडेट सशस्त्र बलों में अधिकारियों के रूप में भर्ती होने के इरादे से कम उम्र में सैन्य अकादमियों में शामिल होते हैं। वो इस वर्दी में राष्ट्र की सेवा के प्रति प्रतिबद्धता दिखाते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से उनमें से कुछ अमान्य हो जाते हैं।


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Saumya Srivastava

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पत्रकार बनने का सपना तो स्कूल के समय से ही था। फिर इस सपने को पंख लगाने के लिए मैंने DDU गोरखपुर से पत्रकारिता में स्नातक किया। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय भोपाल से डिजिटल जर्नलिज्म में परास्नातक की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान ही सीखने के लिए मैंने अनादि टीवी में इनपुट डेस्क पर काम किया फिर डिजिटल मीडिया में कदम रखते हुए द सूत्र में काम किया फिर एमपी ब्रेकिंग न्यूज से जुड़ी। उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले की रहने वाली हूं। मैं पॉलिटिकल, क्राइम, हेल्थ, एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल पर खबरें लिखती हूं।

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