Chandipura Virus : चांदीपुरा वायरस पिछले 58 वर्षों से भारत में सक्रिय है, और समय-समय पर इसके मामले सामने आते रहते हैं। वहीं हाल ही में, यह वायरस बच्चों के लिए गंभीर खतरा बनकर उभरा है, खासकर गुजरात और राजस्थान में, जहां महज दो दिनों में 6 बच्चों की मौत हो गई है। यह वायरस विशेष रूप से 9 महीने से 15 साल तक के बच्चों को प्रभावित करता है और सीधे मस्तिष्क पर हमला करता है।
दरअसल साबरकांठा और अरवल्ली जिलों में चांदीपुरा वायरस के कारण 4 बच्चों की जान जा चुकी है। वहीं हिम्मतनगर के सिविल अस्पताल में इस वायरस से प्रभावित दो बच्चों का इलाज जारी है। जानकारी के अनुसार उनके खून के नमूने पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (NIV) भेजे जा चुके हैं। दरअसल गुजरात में अब तक 12 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें साबरकांठा में 4, अरवल्ली में 3, महिसागर और खेड़ा में 1-1 मामला शामिल है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी इस वायरस के कुछ मामले दर्ज हुए हैं।
वायरस का इतिहास और नामकरण
जानकारी के मुताबिक चांदीपुरा वायरस का नाम महाराष्ट्र के नागपुर स्थित चांदीपुरा गांव के नाम पर रखा गया है। साल 1966 में, इस गांव में 2 महीने से लेकर 15 साल तक के बच्चों में एक बीमारी फैली थी, जिससे उनकी मौत होने लगी। जांच में पाया गया कि यह एक वायरस है, जो मुख्य रूप से मादा फ्लोबोटोमाइन मक्खी से फैलता है। इसके अलावा, मच्छर में पाए जाने वाले एडीज भी इसके फैलने के पीछे जिम्मेदार हो सकते हैं।
दरअसल चांदीपुरा वायरस का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है, इसका सिम्प्टोमैटिक उपचार किया जाता है। मतलब, मरीज में जो लक्षण दिखाई देते हैं, उनके अनुसार डॉक्टर उपचार करते हैं। शुरूआत में फ्लू के लक्षण होने पर उसी के लिए दवाएं दी जाती हैं। इस वायरस के लिए कोई वैक्सीन नहीं है और न ही बहुत ज्यादा दवाएं उपलब्ध हैं। कुछ एंटीवायरल ड्रग्स का उपयोग किया जाता है।
लक्षण:
अचानक तेज बुखार
उल्टी और दौरे
फ्लू जैसे लक्षण
बचाव के उपाय:
घर और उसके आसपास साफ-सफाई बनाए रखें
जलभराव न होने दें
रात के समय फुल आस्तीन के कपड़े पहनें
मच्छरदानी का प्रयोग करें
मच्छरों को दूर रखने के लिए कीटनाशकों का उपयोग करें
संक्रमित क्षेत्रों में बच्चों को बाहर खेलने से रोकें
स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल का क्या है कहना?
इस बीच, गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने बताया कि ‘इन 12 मरीजों में से चार साबरकांठा जिले के, तीन अरावली के और एक-एक महिसागर और खेड़ा के हैं। वहीं इसके अलावा, दो मरीज राजस्थान और एक मध्य प्रदेश के बताए जा रहे हैं, जिनका इलाज गुजरात में किया गया है। वहीं गुजरात में संदिग्ध चांदीपुरा वायरस के चलते छह लोगों की मौत की खबर है, लेकिन यह स्पष्टता सैंपल की जांच के नतीजे आने के बाद ही मिल पाएगी कि ये मौतें वास्तव में चांदीपुरा वायरस के कारण हुई हैं या नहीं।’