आंध्र प्रदेश, डेस्क रिपोर्ट। आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के पूर्व गोदावरी जिले (East Godavari) के रजा महेंद्रवरम से एक होश उड़ा देने वाला मामला सामने आया है, जहां दो नाबालिगों ने क्लास रूम में ही शादी (child marriage) रचा ली। 17 साल का नाबालिग (Minor) लड़का मंगलसूत्र लेकर क्लासरूम पहुंच गया और वहां लड़की के मांग में सिंदूर भरकर और मंगलसूत्र पहना कर उससे शादी (Child marriage) कर ली। नाबालिगों (Minor) की शादी का वीडियो सोशल मीडिया (Social media) पर जमकर वायरल हो रहा है। नाबालिगों की शादी (Child marriage) की जानकारी जैसे ही प्रशासन (Administration) को लगी तो उनके होश उड़ गए जिसके बाद पुलिस ने बाल विवाह निरोध अधिनियम (Child Marriage Restraint Act) के तहत केस दर्ज कर लिया है और जांच में जुट गई है।
रिपोर्ट में बताया गया कि इंटरमीडिएट सेकंड ईयर (Intermediate second year) में एमपीसी (MPC) पढ़ रहे 2 छात्रों ने पिछले महीने की 17 तारीख को अपने ही क्लास रूम में शादी रचा ली। नाबालिगों ने अपनी शादी का पूरा वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसके बाद अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। बता दें कि जब लड़का लड़की को मंगलसूत्र पहना रहा था तो वहां उपस्थित विद्यार्थियों ने उनका वीडियो बनाया। वीडियो वायरल होने के बाद जब इस पूरे मामले की खबर प्रिंसिपल को तक पहुंची तो वे दंग रह गए।
Child Marriage : क्लासरूम में नाबालिग लड़के ने भरी नाबालिग लड़की की मांग,वीडियो वायरलhttps://t.co/eln9TA1PC0 pic.twitter.com/JE8VPZeCLz
— MP Breaking News (@mpbreakingnews) December 6, 2020
वही कॉलेज प्रिंसिपल ने दोनों छात्रों को टीसी देकर निकाल दिया। प्रिंसिपल का कहना था कि दोनों छात्र बोल रहे थे कि यह शादी असली तौर पर नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड कर लाइक पाने की चाहत में की गई थी। वही प्रिंसिपल ने इस पूरे मामले की जानकारी छात्रों के परिजनों को दे दी है।
पूरे मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने चाइल्ड मैरिज एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही पुलिस शादी करवाने वाले व्यक्ति पर भी कार्रवाई करेगी। पुलिस ने बताया कि यह शादी कानूनी तौर से वैध नहीं है। वहीं इस पूरे मामले को लेकर आंध्र प्रदेश की महिला आयोग ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि लड़की को रहने के लिए अलग जगह दी जाए।
आंध्र प्रदेश महिला आयोग की चेयरपर्सन ने कहा कि लड़की के परिजनों ने उसे घर आने से वर्जित कर दिया है, जिसके बाद लड़की को वन स्टॉप सेंटर में काउंसलिंग के लिए ले जाया गया है। वही महिला आयोग के निदेशक आरसीएच कहते हैं कि क्लास रूम में छात्रों द्वारा की गई शादी उनके बीच कानून की जानकारी के अभाव की ओर इशारा करती है। महिला बाल आयोग स्कूल और कॉलेजों में बाल विवाह के खिलाफ और पक्ष को लेकर जागरूकता कार्यक्रम कर रहा है।