नई दिल्ली| देश भर में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद पार्टी में उथल पुथल मच गई है| हार की पड़ताल के लिए शनिवार को पार्टी महामंथन करने वाली है। इस महामंथन से पहले पार्टी में इस्तीफों की पेशकश भी शुरू हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसी खबरें हैं कि इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा दे सकते हैं।
यह दूसरा मौक़ा है जब कांग्रेस को बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा है| जबकि पार्टी नेता बड़ी जीत का दावा और राहुल गाँधी को प्रधानमंत्री बनाने का दावा कर रहे थे| इस करारी हार से कई सवाल खड़े होने लगे है| पार्टी को सिर्फ 52 सीटें मिली हैं। ऐसे में कांग्रेस को एक बार फिर से नेता प्रतिपक्ष का पद मिल पाना मुश्किल लग रहा है। लोकसभा के कुल सदस्यों की संख्या 543 है और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद हासिल करने के लिए कम से कम इसका 10 फीसदी यानि 55 सीटों की जरूरत होती है और कांग्रेस को केवल 52 सीटें मिली हैं। 2014 में कांग्रेस को 44 सीटें मिली थीं।
हार के कारणों को समझने के लिए शनिवार को कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक होने वाली है| पार्टी सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी सीडब्ल्यूसी की बैठक में इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि अभी तक कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के इस्तीफे संबंधी कोई खबर पुष्ट नहीं हो पाई है। गुरुवार को भी इस तरह की खबरें आईं थीं कि राहुल गांधी ने नतीजों के बाद इस्तीफे की पेशकश की है, हालांकि बाद में पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इसे नकार दिया। कई बड़े मीडिया हाउसेस की रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस के इस खराब प्रदर्शन के बाद सवाल उठने लगे थे कि क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा देंगे| इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उनसे मुलाकात की| उसके बाद यूपीए अध्यक्ष और उनकी मां सोनिया गांधी भी मिली| इन मुलाकातों के बाद खबर आई कि राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है| बताया जा रहा है कि राहुल गांधी मीडिया के सामने इस्तीफ़ा देना चाहते थे लेकिन सोनिया गांधी ने कहा अगर इस्तीफ़े की बात करनी है तो कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक में पेशकश करे तो ज़्यादा अच्छा होगा|
हार स्वीकारी, स्मृति को दी बधाई
गुरुवार को मीडिया के सामने आए राहुल ने कहा, ‘हार की सौ फीसदी जिम्मेदारी मेरी है। उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है और कांग्रेस के नेताओं-कार्यकर्ताओं को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि उनकी पार्टी की विचाराधारा जीतेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी की कार्यसमिति की बैठक में जवाबदेही को लेकर चर्चा होगी। अमेठी में राहुल को स्मृति ईरानी के सामने 55120 वोटों से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि केरल की वायनाड सीट से उन्हें 431770 वोटों से जीत मिली। उन्होंने इससे पहले, 2004 के लोकसभा चुनावों से इस सीट पर जीतते चले आ रहे राहुल ने कहा, ‘वह चुनाव जीत गई हैं और मैं उन्हें इसके लिए बधाई देता हूं।’