दिल्ली में निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों की मनमानी फीस पर रोक लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। शुक्रवार, 8 अगस्त को दिल्ली विधानसभा में ‘दिल्ली स्कूल शिक्षा शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता विधेयक, 2025’ को पारित कर दिया गया। यह कानून दिल्ली में सभी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर लागू होगा। चार घंटे की लंबी बहस के बाद यह विधेयक पास हुआ।
इस साल फरवरी में सत्ता में आई भाजपा सरकार का यह पहला बड़ा कानून है। विधानसभा में भाजपा के 41 विधायकों ने इसके पक्ष में वोट दिया, जबकि आप के 17 विधायकों ने इसका विरोध किया। वोटिंग के दौरान दोनों दलों के कुछ विधायक अनुपस्थित भी रहे।
सरकार बोली – अभिभावकों को मिलेगी बड़ी राहत
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस कानून को अभिभावकों के लिए बड़ी राहत बताया। उन्होंने कहा कि हर साल स्कूलों की बढ़ती फीस ने माता-पिता की जेब पर भारी बोझ डाला है। यह कानून उस बोझ को कम करेगा।
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि अब कोई भी निजी स्कूल सरकार की मंजूरी के बिना फीस नहीं बढ़ा सकेगा। उन्हें हर फीस वृद्धि का ब्यौरा भी सार्वजनिक करना होगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और स्कूलों की मनमानी पर रोक लगेगी।
विपक्ष ने बताया अभिभावकों के खिलाफ
आप की नेता आतिशी ने इस विधेयक को अधूरा और कमजोर बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने अभिभावकों की चिंता दूर करने के नाम पर केवल दिखावा किया है। उनके अनुसार, इस कानून में कई ज़रूरी प्रावधानों की कमी है, जिससे फीस नियंत्रण पूरी तरह संभव नहीं होगा।
आप विधायकों ने सदन में 8 संशोधन प्रस्तावित किए, जिनमें फीस निर्धारण की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने की मांग की गई थी। लेकिन सदन ने सभी संशोधन खारिज कर दिए। आतिशी ने कहा कि भाजपा ने पहले इसी तरह के प्रावधानों का मजाक उड़ाया था, अब वही चीजें लागू करने से पीछे हट रही है।
उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद लागू होगा कानून
विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने जानकारी दी कि यह विधेयक अब दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। उपराज्यपाल की स्वीकृति मिलते ही यह कानून प्रभाव में आ जाएगा और दिल्ली के सभी गैर-सहायता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों पर लागू होगा।
इस कानून के लागू होने के बाद स्कूलों को हर फीस वृद्धि से पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी और हर अभिभावक को स्पष्ट जानकारी देनी होगी कि फीस में कितनी बढ़ोतरी की जा रही है और क्यों।






