पिथौरागढ़, डेस्क रिपोर्ट। भाजपा वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक कृष्ण चंद्र पुनेठा (Krishna Chandra Punetha) का देर रात निधन हो गया। वे 65 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। हाल ही में स्वास्थ्य बिगड़ने पर उन्हें इलाज के लिए देहरादून ले जाया गया था, जहां सुधार ना होने पर मुबंई भेजा गया था। लेकिन देर रात उनके पैतृक गांव में उनका निधन हो गया। पूर्व विधायक के निधन की खबर लगते ही भाजपा (BJP) में शोक लहर दौड़ गई है।
पुनेठा के निधन पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Chief Minister Trivendra Singh Rawat) सहित कई स्थानीय नेताओं ने शोक जताया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पूर्व विधायक पिथौरागढ़ एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता कृष्ण चंद्र पुनेठा के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दुख हुआ। उनका जाना प्रदेश व पार्टी के लिए अपूरणीय क्षति है।
विडंबना है कि जिस राज्य को बनाने में उनकी प्रमुख भूमिका रही, उस विधानसभा के सदन में नहीं पहुंच सके। शुरू के दो विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे, लेकिन सदन में पहुंचने का सपना पूरा नहीं हो सका। दोनों ही बार भाजपा ने यूपी में सरकार भी बनाई। विकासवादी सोच और दूरदर्शी नजरिये के चलते क्षेत्र के विकास की नींव रखने में उन्होंने एक शिल्पी की भूमिका निभाई।
ऐसा रहा पुनेठा का राजनैतिक सफर
- सौम्य, सरल और दूरदर्शिता के साथ कद्दावत नेता के रुप में पहचान।
- उत्तर प्रदेश विधानसभा के दो बार विधायक रहे।
- उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए भी लड़ाई लड़ी।
- केसी पुनेठा 1991 और 1996 में पिथौरागढ़ से विधायक बने।
- नवंबर 2000 में उत्तराखंड राज्य बनने पर उन्हें हिल्ट्रॉन और जैविक परिषद के अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई।
- जैविक खेती के साथ पशुपालन को बढ़ावा दे लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया।
- 90 के दशक में उत्तराखंड के इस इलाके में बीजेपी के प्रचार और प्रसार में कृष्ण चंद्र पुनेठा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।