डेस्क रिपोर्ट। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रान ने पूरी दुनिया को एक बार फिर अलर्ट कर दिया है, एक बार फिर इस नए वायरस से निपटने दुनिया अपने तरीके से जुट गई है, भारत में इसे लेकर चिंता की लकीरें खिंच गई है। माना जा रहा है कि अब बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी जरूरी है, इसके साथ ही अब कोविड टास्क फोर्स भी सरकार के साथ मिलकर नई पॉलिसी बनाने में जुट गई है, माना जा रहा है कि जल्द ही सरकार गंभीर रोगियों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगो के लिए वैक्सीन की एडिशनल डोज पर नई पॉलिसी लाने जा रही है।
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नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप इस पॉलिसी को 2 हफ्ते में तैयार करेगा, वही अब तक देश में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को भी वैक्सीन नही लगी है ऐसे में अब ओमिक्रान के खतरे को देखते हुए देश के 44 करोड़ बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन की नई पॉलिसी लाई जा सकती है। हालांकि पूरे देश में केंद्र सरकार ने अलर्ट जारी कर राज्यों को निर्देश दिए है। देश की कई लैब्स में नए वेरिएंट पर मौजूद वैक्सीन की एफिकेसी की जांच कर रही है, इसमें दो हफ्ते लग सकते है। इसके बाद परिणाम सामनें आएंगे कि कोवेक्सिन,कोविशील्ड और दूसरी वैक्सीन नए वायरस से किस हद तक लड़ने में सक्षम है।
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वही अब देश में पिछले कुछ महीनों से लगातार बूस्टर डोज पर चर्चा की जा रही थी लेकिन केंद्र सरकार ने कोविड टास्क फोर्स से चर्चा के बाद इस बात से इंकार कर दिया था कि फिलहाल देश में बूस्टर डोज की कोई जरूरत है। लेकिन अब दुनिया के अन्य देशों में बुजुर्गों को बूस्टर डोज दिया जा रहा है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन,इजराइल शामिल है। वही देश की कोविड टास्क फोर्स प्रमुख की माने तो हालांकि देश मे वैक्सीन की कोई कमी नही है लेकिन अगर बूस्टर डोज की जरूरत पड़ती है तो 94 करोड़ डोज की जरूरत होगी, वही देश में अभी भी 12 से 15 करोड़ लोगों को वैक्सीन का एक भी डोज नही लगा है, 30 करोड़ लोगों को दूसरा डोज नही लगा है, इससे साफ जाहिर होता है कि अगर कोरोना के नए वेरिएंट से भी निपटना होगा तो सबसे पहले वेक्सीनेशन तेज़ करना होगा। और प्राथमिकता के साथ यह काम पूरा करना होगा।