Delhi Air Pollution: इस साल की दिवाली पर दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर पिछले तीन वर्षों से सबसे अधिक रहा। पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि, पटाखों का उपयोग और मौसम ही बदलावों के कारण हवा की गुणवत्ता पर पूरा असर पड़ा है।
हालांकि, तेज हवाओं के चलते एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर स्तर तक नहीं पहुंचा। लेकिन प्रदूषण का स्तर फिर भी काफी खराब रहा। यह स्थिति बताती है कि शहर में प्रदूषण रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
10 अक्टूबर के बाद की स्थिति
आपको बता दें, इस बार दिल्ली में मानसून का मौसम सामान्य से बेहतर रहा। जिससे वायु गुणवत्ता भी काफी अच्छी रही। हालांकि, अक्टूबर महीने की 10 तारीख के बाद से हवा की गुणवत्ता में गिरावट आने लगी और 13 तारीख से यह खराब श्रेणी में चली गई। यह गिरावट प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों जैसे कि निर्माण गतिविधियों और पटाखों के कारण हो सकती है।
दिवाली से पहले बढ़ता वायु प्रदूषण
दिल्ली की हवा पर पराली जलाने की धुएं का असर साफ नजर आने लगा है। हाल ही के दिनों में केवल एक ही ऐसा दिन रहा जो वायु गुणवत्ता का स्तर 200 के नीचे आया हो। हवा के रफ्तार कम होने और परली के धुएं के कारण हवा की गुणवत्ता में गिरावट हुई है।
मौसम के हालात को देखते हुए पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था, कि दिवाली से पहले हवा बेहद खराब श्रेणी में रहेगी और दिवाली के दिन यानी 31 अक्टूबर को स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
सबसे साफ रही 2023 की दिवाली
साल 2023 में दिवाली के दिन दिल्ली की हवा काफी साफ सुथरी थी। जिससे लोगों ने त्योहार को बेहतर तरीके से सेलिब्रेट किया था। हालांकि हवा की तेज रफ्तार में प्रदूषण स्तर को गंभीर श्रेणी में पहुंचने से रोक दिया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की आंकड़ों के अनुसार पिछले साल दिवाली से पहले और दिवाली के दिन हवा की गुणवत्ता सबसे अच्छी थी। इस साफ हवा ने न केवल लोगों को राहत दी, बल्कि दिवाली के जश्न को और भी खास बना दिया था।