यहां 10 मई तक धारा 144 लागू, इन चीजों पर रहेगा प्रतिबंध, जानें कहां कितनी मिली छूट

Pooja Khodani
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। Section 144 Imposed. आगामी त्यौहारों को देखते हुए राजस्थान और यूपी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। एक तरफ राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने आधा दर्जन जिलों में धारा 144 लागू कर दी है वही दूसरी तरफ देर रात लखनऊ में 10 मई तक धारा 144 लागू कर दी गई है।लखनऊ प्रशासन ने यह कदम अंबेडकर जयंती, रमजान, गुड फ्राइडे, ईद, विधान परिषद निर्वाचन 2022 की मतगणना और विभिन्न प्रवेश परीक्षाओं को के चलते उठाया है।

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इसके तहत  10 मई तक विधानसभा के आसपास धरना-प्रदर्शन, ट्रैक्टर- ट्रॉली, घोड़ा गाड़ी और ज्वलनशील पदार्थ लेकर जाने और सरकारी दफ्तरों के एक किलोमीटर के दायरे में ड्रोन से शूटिंग पर पाबंदी रहेगी।बगैर इजाजत जुलूस नही निकाल सकेंगे और रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का इस्तेमाल भी नहीं कर सकेंगे।हालांकि धार्मिक, सार्वजनिक स्थल, जुलूस में नियमों के मुताबिक ही लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की इजाजत कायम रहेगी।

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) पीयूष मोर्डिया ने कहा गया है कि अगर राजधानी में बिना मास्क के कोई दिखता है, तो उससे जुर्माना वसूला जाएगा। कोरोना महामारी के मद्देनजर केंद्र सरकार की गाइडलाइन, कार्यक्रमों, त्योहारों, पर्वों और तमाम प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन के लिए चलते विशेष सतर्कता बरतना जरूरी है, इसी वजह से ये कदम उठाए गए हैं।रेस्टोरेंट्स होटल, फूड ज्वाइंट्स और सिनेमा हॉल अपनी क्षमता के अनुसार संचालित होंगे।

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इधर, राजस्थान के करौली में हुई हिंसा के बाद कोटा, जयपुर, अजमेर समेत 17 जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। पुलिस प्रशासन ने चप्पे-चप्पे पर तैनाती की है। इन आदेशों में कहा गया है कि बिना अनुमति रैली जुलूस और प्रदर्शन पर रोक लगाई गई है। सांप्रदायिक सौहार्द विपरीत नारेबाजी की भी अनुमति नहीं होगी

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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