1 फरवरी को देश का आम बजट पेश किया जाएगा, वहीं इससे पहले आज, यानी 31 जनवरी को, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इकोनॉमिक सर्वे प्रस्तुत किया जाएगा। इस सर्वेक्षण में सरकार वित्त वर्ष 2024-25 के लिए देश की जीडीपी का अनुमान, महंगाई दर समेत कई महत्वपूर्ण आर्थिक जानकारियां साझा करेगी। दरअसल, आज वित्त मंत्री देश की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर विस्तृत जानकारी पेश करेंगी।
इस समय भारत की अर्थव्यवस्था बीते चार महीनों के निचले स्तर पर चल रही है। दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 4 महीनों के निचले स्तर पर पहुंचकर 5.22% रह गई थी, जबकि इससे पहले नवंबर में यह 5.48% थी।
कैसा रहा बीता साल?
दरअसल, वित्त वर्ष 2024-25 की महंगाई दर पर नजर डालें, तो अप्रैल में यह 4.83% थी, जबकि मई में घटकर 4.75% पर आ गई। जून में यह 5.5% रही, वहीं जुलाई में 3.45% तक गिर गई। जून और अगस्त का महीना भारत की अर्थव्यवस्था के लिए काफी अच्छा रहा। अगस्त में महंगाई दर 3.26% दर्ज की गई, जबकि सितंबर और अक्टूबर के महीने सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण रहे। सितंबर में महंगाई दर 5.49% तक पहुंच गई, जबकि अक्टूबर में यह 6.21% पर जा पहुंची। नवंबर में महंगाई दर 5.48% रही, जबकि दिसंबर में 5.22% देखने को मिली। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण में क्या नई घोषणाएं करने जा रही हैं।
क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे?
दरअसल, इकोनॉमिक सर्वे देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है। हमारे देश की जनसंख्या को तीन श्रेणियों में बांटा गया है, मिडिल क्लास, लोअर क्लास और अपर क्लास। जिस प्रकार हम अपने घर का मासिक और वार्षिक बजट तैयार करते हैं, उसी तरह वित्त मंत्री द्वारा देश का भी आर्थिक लेखा-जोखा प्रस्तुत किया जाता है। आर्थिक सर्वेक्षण के माध्यम से यह आकलन किया जाता है कि बीते वर्ष किन क्षेत्रों में सबसे अधिक धन खर्च किया गया, देश की आय किन स्रोतों से हुई, सरकार के पास कुल कितना धन बचा है और आने वाले वर्षों में अर्थव्यवस्था को कैसे मजबूत किया जा सकता है। साथ ही, इसमें धन के प्रबंधन और बचत के उपायों पर भी ध्यान दिया जाता है। आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण में इन सभी पहलुओं को विस्तार से पेश करेंगी।