Electricity Crisis Report : जानिए, किस कारण से गहरा सकता है देश में बिजली संकट

Amit Sengar
Published on -

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। देश में एक बार फिर बिजली संकट (electricity crisis report) होने के संकेत मिल रहे है यह जानकारी स्वतंत्र शोध संगठन सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लिन एयर (सीआरईए) की रिपोर्ट में कही है कि जुलाई-अगस्त तक देश में एक और ऊर्जा संकट (Electricity Crisis) खड़ा हो सकता है। क्योंकि खदानों पर लगे ऊर्जा स्टेशनों के पास अभी 13.5 मिलियन टन का कोयला भंडार है और देशभर के ऊर्जा संयंत्रों के पास 20.7 मीट्रिक टन कोयला भंडार है।

यह भी पढ़े…OBC को आरक्षण ना मिले, कांग्रेस का यह षड्यंत्र पूरी तरह से विफल- मंत्री भूपेन्द्र सिंह

सीआरईए ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ‘‘कोयले से संचालित होने वाले बिजली संयंत्र, बिजली की मांग में मामूली वृद्धि को भी झेलने की स्थिति में नहीं हैं। क्योंकि बिजली संकट से बचने के लिए कोयला परिवहन की योजना पहले से बनाने की जरूरत है।’’ केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) का अनुमान है कि अगस्त में ऊर्जा की अधिकतम मांग 214 गीगावॉट पर पहुंच जाएगी, इसके अलावा औसत बिजली की मांग भी मई के दौरान 1,33,426 मिलियन यूनिट (एमयू) से अधिक हो सकती है।

यह भी पढ़े…लोकप्रिय पंजाबी गायक-रैपर और कांग्रेस नेता सिद्दू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या, एक दिन पहले ही हटाई गई थी सुरक्षा

वहीं, सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर ने कहा है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के बाद खदानों से बिजली स्टेशनों तक कोयले के खनन और परिवहन में और बाधा आएगी। सीआरईए ने कहा है कि यदि मानसून से पहले कोयले के स्टॉक को पर्याप्त स्तर तक नहीं भरा जाता है, तो देश जुलाई-अगस्त 2022 में एक और बिजली संकट की ओर बढ़ सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि हाल में देश में जो बिजली संकट आया था उसकी वजह कोयला उत्पादन नहीं बल्कि इसका ‘‘वितरण और अधिकारियों की उदासीनता’’ थी। इसमें कहा गया, ‘‘आंकड़ों से यह जाहिर है कि पर्याप्त कोयला खनन के बावजूद ताप बिजली संयंत्रों में कोयले का पर्याप्त भंडार नहीं रखा गया।’’ भारत में 2021-22 में कोयले का 77.72 करोड़ टन का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ जो इससे एक साल पहले के 71.60 करोड़ टन उत्पादन की तुलना में 8.54 प्रतिशत अधिक है।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News