Employees, New pay Commission, New pay scale : कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। उन्होंने वेतन आयोग का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए एचआरडी से स्वीकृति मिल चुकी है। जिसके बाद जल्द भुगतान किए जाएंगे। पिछले कई वर्षों से लंबे समस्या का समाधान उच्च शिक्षा विभाग द्वारा किया गया है।
झारखंड के कोल्हान विश्वविद्यालय पिछले कई वर्षों से वंचित नॉन टीचिंग स्टाफ के लंबे सातवें वेतनमान भुगतान की स्वीकृति उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मिल गई है। अब नॉन टीचिंग कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का भुगतान किया जाएगा। कई वर्षों से लंबे समस्या का समाधान किया गया हैं। विश्वविद्यालय के सभी नॉन टीचिंग स्टाफ का भुगतान जल्द किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
सातवें वेतनमान भुगतान की स्वीकृति
ऐसे में उनके वेतन में 5000 से 8000 तक का इजाफ माना जा रहा है। वैसे नॉन टीचिंग स्टाफ का मामला अभी भी फंसा पड़ा है। जिनके योगदान के दौरान अधिकारी प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। 15 कर्मचारियों के मामले का निपटारा अब तक निपटारा नहीं किया गया है। जल्द कर्मचारी की कागजी प्रक्रिया पूरी की जाएगी और उन्हें सातवें वेतनमान का भुगतान किया जाएगा।
बता दे कि कई कर्मचारियों कोर्ट के चक्कर लगाया जा चुके हैं। मामला अभी भी कोर्ट में लंबे से ऐसे में उच्च शिक्षा विभाग की ओर से सातवें वेतनमान संबंधित मामले में सुधार कर लिया गया है। विश्वविद्यालय में पारित कर सभी नॉन टीचिंग स्टाफ के साथ में वेतनमान लागू करने के निर्देश भेज दिए हैं लेकिन उसे शिक्षा विभाग द्वारा इसकी स्वीकृति नहीं दी गई थी। अब उनके शिक्षा विभाग की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद जल्द स्टाफ के वेतन का भुगतान किया जाएगा।
एरियर के तौर पर उन्हें बड़ी राशि उपलब्ध कराई जाएगी। वैसे नॉन टीचिंग स्टाफ जिनके लंबे समय से एरियर की राशि रुकी हुई है। उसके भी भुगतान जल्द करने के निर्देश दिए गए हैं। कई ऐसे भी नॉन टीचिंग स्टाफ है। जिनका निधन हो चुका है जबकि कई ऐसे भी नॉन टीचिंग स्टाफ है, जो रिटायर हो चुके हैं। उन्हें भी प्रमोशन के साथ सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। बता दे प्रमोशन समय पर नहीं होने की वजह से उनके साथ में वेतनमान को रोका गया था।
केंद्र सरकार द्वारा 2016 में सातवें वेतनमान को लागू किया गया था लेकिन नॉन टीचिंग स्टाफ को 2016 में भी पांचवें वेतनमान का लाभ दिया जा रहा था। ऐसे में उनके लिए छोटे वेतनमान को लागू किया गया है। फिर सातवें वेतनमान को लागू किया गया है। इस लंबी प्रक्रिया के दौरान के कर्मचारियों का निधन हो चुका है। ऐसे में उनके आश्रितों को भी अब भुगतान किया जाएगा।