Employees Promotion 2023:लंबे समय से धरने पर बैठे राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University) के 6 प्रोफेसरों को आखिरकार पदोन्नति का तोहफा मिल गया है। कुलपति ने पदोन्नति के आदेश जारी कर दिए है।इसके तहत नरेश मलिक, रमेश चावला, महिपाल यादव, केएल बत्रा, अशोक सिंह और सुरेंद्र सिंह चौहान को प्रमोशन का लाभ मिलेगा, इसके लिए उन्हें प्रमोशन का लेटर सौंप दिया गया है।इसमें वेतनमान की भी बात कहीं गई है। हालांकि शिक्षकों को 19 अगस्त 2008 से पहले किसी भी तरह के एरियर का भुगतान नहीं किया जायेगा।
विवि कुलसचिव द्वारा जारी पत्र में लिखा है कि 6 रिसर्च एसोसिएट (वर्तमान में सहायक आचार्य) को सीएएस के अन्तर्गत वरिष्ठ वेतनमान (Senior Scale) ( पाचंवे वेतनमान में वेतन श्रृंखला 10,000-15200, छठे वेतनमान में 15600-39100 एजीपी 7000 एवं सातवें वेतनमान में दिनांक 01.01.2016 से एल-11) का लाभ दिया गया, इसके बाद से शिक्षक धरने से उठ गए है। इसके साथ ही एनएसयूआई और एबीवीपी छात्रों ने भी शिक्षकों के समर्थन दिए जा रहे धरना-प्रदर्शन को खत्म कर दिया।
इस समिति की अनुशंसा के मुताबिक इन 6 प्रोफेसर को 272 प्रोफेसर के समकक्ष मानकर वरिष्ठ वेतनमान को मंजूरी दे दी है।इसके अंतर्गत को पाचंवे वेतनमान में वेतन श्रृंखला 10,000-15200, छठे वेतनमान में 15600-39100 ए.जी.पी. 7000 रुपए और सातवें वेतनमान का लाभ उनकी मांगी गई तारीख से दी गई है। साथ ही यह भी कहा गया है कि शिक्षकों को 19 अगस्त 2008 से पहले किसी भी तरह के एरियर का भुगतान नहीं किया जायेगा। पहले दिये गये ग्रेड पे परिलाभ या एरियर का समायोजन करने के बाद ही वेतन नियतन के आदेश नोशनल आधार पर अलग से जारी किये जायेगें ।
दरअसल, साल 2009 में रिसर्च एसोसिएट अशोक सिंह, सुरेंद्र सिंह, नरेश मलिक, रमेश चावला, महिपाल यादव और पीएल बत्रा को असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर रिडेजिग्नेट किया गया था। इसके लिए सिंडिकेट भी असिस्टेंट प्रोफेसर्स को 19 मई 2001 से पदोन्नति का लाभ देने की अनुशंसा कर चुका था, इस मामले पर राज्य सरकार भी दो बार विश्वविद्यालय को पत्र लिखकर प्रमोशन की मांग को जायज बताते हुए शिक्षकों को प्रमोशन देने के आदेश दे चुकी थी, लेकिन रजिस्ट्रार ने पदोन्नति के आदेश जारी नही किए।इसके बाद कर्मचारियों धरने पर बैठ गए, जिसके बाद राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलपति को आखिरकार झुकना ही पड़ा और उन्होंने कुलसचिव की ओर से इससे संबंधित एक पत्र जारी किया जिसमें उन्होंने 19 मई 2001 के वेतनमान दिए जाने की घोषणा की है।
About Author
Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
खबरों के छपने का आधार भी हूँ।।
मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)