Employees Retirement Age Hike : कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। देश में एक तरफ जहां कर्मचारियों द्वारा सेवानिवृत्ति आयु को बनाए जाने की मांग की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ कई राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाया गया है। रिटायरमेंट आयु में 3 वर्ष से लेकर 5 वर्ष तक की वृद्धि जारी है। इसी बीच एक बार फिर से सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए शासन द्वारा प्रस्ताव तैयार किया गया है। वहीं प्रस्ताव का परीक्षण के लिए महानिदेशक लिली सिंह को भेजा गया है।
सेवानिवृत्ति आयु को दो विकल्प में बढ़ाने की तैयारी
दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रांतीय चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु को दो विकल्प में बढ़ाने की बात को प्रस्ताव में शामिल किया गया है। दरअसल वर्तमान में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष है, जिसे पहले केवल 65 वर्ष तक बढ़ाया जाना है। वहीं दूसरे विकल्प के तौर पर 70 वर्ष किए जाने के संबंध में राय मांगी गई है।
70 साल तक कर सकेंगे नौकरी
वहीं यदि प्रस्ताव पर सहमति मिलती है तो प्रांतीय चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा संवर्ग के चिकित्सक 70 साल तक नौकरी कर सकेंगे। दरअसल इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव मन्नान अख्तर ने सीएम कार्यालय के सुझाव को परीक्षण के लिए महानिदेशक को भेज दिया है। परीक्षण के बाद 1 दिन के अंदर रिपोर्ट पेश किया जाएगा।
डॉक्टरों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म
वही अब शासन द्वारा सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने जाने के बीच डॉक्टरों के बीच चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। चिकित्सकों का कहना है कि आखिर इस कवायद से किसे लाभ मिलेगा।दरअसल 58 से बढाकर चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु को 60 वर्ष किया गया था। फिर इसमें 2 वर्ष की वृद्धि की गई थी। जिसके बाद यह बढ़ कर 62 वर्ष हो गए ,थे अब इसमें दो विकल्प के साथ वृद्धि की तैयारी की जा रही है।
ऐसी स्थिति में अगर चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु को 62 से बढ़ाकर 65 किया जाता है और उसके बाद फिर इसमें 5 वर्ष की वृद्धि की जाती है तो ऐसे में पुराने डॉक्टर में सेवारत रहते-रहते नए चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया अधूरी रह जाएगी। डॉक्टरों का कहना है कि अगर सेवानिवृत्ति की सीमा बढ़ाने का मकसद बढ़ी हुई आयु की अवधि में पुरानी डॉक्टर से सेवारत रहते-रहते नए चिकित्सकों की भर्ती करके चिकित्सकों की कमी को दूर करना ही था तो आज भी प्रदेश में चिकित्सकों की कमी कायम है। ऐसे में सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए। वही नए चिकित्सकों की भर्ती भी आवश्यक है।
प्रस्ताव में तबादले पर बड़ी अपडेट
चिकित्सकों के विशेष कमी को देखते हुए यह निर्णय लिया जा रहा है। 62 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्ति के बाद 3 साल के लिए उन्हें पुनः नियुक्ति के विकल्प दिए गए हैं। इसके साथ हर जिले में अस्पताल में पद तय किए गए हैं। इसके साथ ही नवीन प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि जो विशेषज्ञ चिकित्सक अस्पतालों में डीएनबी कोर्स का प्रशिक्षण दे रहे हैं उनके तबादले कम से कम 3 वर्ष तक न किए जाएं। अपरिहार्य स्थिति में उनके तबादले से पूर्व वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने पर भी जोर दिया गया है।