EPFO : कर्मचारियों-खाताधारकों के लिए महत्वपूर्ण खबर, इन नियमों में बदलाव, जानें अब किस तरह मिलेगा लाभ

अभी तक कर्मचारियों से चार्ज 25 फीसदी तक सालाना चार्ज लिया जाता है। इसमें  2 माह की चूक पर 5% वार्षिक, 2 से अधिक और 4 महीने से कम पर 10 फीसदी , 4 माह से ज्यादा और 6 माह से कम पर 15 %  और छह माह या उससे अधिक पर 25 फीसदी तक का जुर्माना हर वर्ष लगाया जाता है।

epfo new rules

EPFO New Rule 2024 : कर्मचारी भविष्‍य निध‍ि संगठन के खाताधारकों और कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। ईपीएफओ ने अपने इंप्लाई के प्रोविडेंड फंड, पेंशन और इंश्‍योरेंस कंट्रीब्‍यूशन डिपॉजिट को लेकर नियमों में बदलाव किया है। ​इसके तहत पेंशन, PF और इंश्‍योरेंस स्‍कीम में देरी करने वाले एम्‍प्‍लॉयर्स पर जुर्माने की दरों को कम करने का निर्णय लिया गया है। इस फैसले से ईपीएफओ की ओर से कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

जुर्माने की दर में कमी

श्रम मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी अधिसूचना के अनुसार, एम्प्लॉयर से जुर्माना तीन स्कीम्स कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS), एम्‍प्‍लाई प्रोविडेंड फंड (EPF) स्कीम और एम्प्लॉइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLI) को कम करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत हर माह कंट्रीब्यूशन के बकाया का 1 फीसदी या हर साल 12 फीसदी की दर से पैनाल्टी लगाई जाएगी। नए नियम से एम्‍प्‍लॉयर को कम जुर्माना भरना होगा। वही 2 माह या 4 माह की चूक होने पर जुर्माने की राशि हर माह एक फीसदी के हिसाब बढ़ेगी।

अबतक कितना देना पड़ता था चार्ज

अभी तक कर्मचारियों से चार्ज 25 फीसदी तक सालाना चार्ज लिया जाता है। इसमें  2 माह की चूक पर 5% वार्षिक, 2 से अधिक और 4 महीने से कम पर 10 फीसदी , 4 माह से ज्यादा और 6 माह से कम पर 15 %  और छह माह या उससे अधिक पर 25 फीसदी तक का जुर्माना हर वर्ष लगाया जाता है।वही नियम के तहत वर्तमान में नियोक्ता को लेकर हर माह की 15 तारीख को या उससे पहले बीते महा रिटर्न EPFO के पास दाखिल करना अनिवार्य है।अगर ऐसा नहीं होता है तो किसी भी तरह की देरी को डिफॉल्ट में शामिल कर जुर्माना लागू किया जाता है लेकिन अब नए जुर्माने का नियम अधिसूचना तारीख से लागू होने से कर्मचारियों को राहत मिलेगी।


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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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