ऐतिहासिक सिद्धान्त से हटना चिंतन का विषय, यह इंदिरा और राजीव की विरासत का अपमान, आनंद शर्मा ने जातिगत जनगणना को लेकर लिखा खड़गे को पत्र

कुल मिलाकर लोकसभा चुनाव के ठीक पहले आनंद शर्मा का जातिगत जनगणना के विरोध में आया पत्र स्पष्ट करता है कि कांग्रेस में अदंरुनी कलह है जो अब खुलकर बाहर आ रही है ऐसे में विपक्षी पार्टियों को जोड़कर  I.N.D.I.A. बनाकर  देश में गठबंधन की सरकार बनाने की कांग्रेस की राह आसान होगी या फिर आत्मघाती ये तो चुनाव परिणाम ही बताएगा। 

Anand Sharma Mallikarjun Kharge

Anand Sharma wrote a letter to Kharge regarding caste census : कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और उनकी पार्टी पिछले कुछ महीनों से जातिगत जनगणना कराने पर जोर दे रही है, हाल ही में निकाली गई भारत जोड़ो न्याय यात्रा में राहुल गांधी ने दलित, आदिवासी, पिछड़ों, एससी वर्ग को अधिकार दिलाने की ही बात की। उन्होंने खुलकर अपनी जीप और मंचों से आवाज लगाकर लोगों की जातियां जानने की कोशिश की, यानि उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले देश में जातिगत जनगणना कराये जाने को लेकर माहौल बनाने की कोशिश की। लेकिन राहुल गांधी के इस अभियान पर उनकी दादी और पिताजी के साथ काम कर चुके वरिष्ठ नेता ने ही सवाल उठाये हैं। CWC मेंबर आनंद शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के “जातिवादी राजनीति” पर कही गई बातों का उल्लेख किया है।

आनंद शर्मा ने जातिगत जनगणना पर उठाये सवाल 

सीनियर कांग्रेस लीडर आनंद शर्मा ने अपने पत्र में जिन बातों को लिखा है वो ऐसी है जिन्हें अधिकांश कांग्रेसी सोचते हैं और सही भी मानते हैं लेकिन कहने की हिम्मत नहीं कर पाते, क्योंकि गांधी परिवार के किसी सदस्य के खिलाफ या फिर उसके फैसले के खिलाफ बोलना या फिर उसपर सवाल उठाना कांग्रेस में अनुशासनहीनता माना जाता है, कुछ नेताओं को इसकी सजा भी मिली है, लेकिन आनंद शर्मा उन नेताओं में से हैं जो जिन्होंने हमेशा अपनी बात मुखर होकर रखी है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....