नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। समाजवादी पार्टी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने आज 82 वर्ष की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है। मुलायम एक बेहतरीन भारतीय राजनीतिज्ञ रहे है। उनका निजी और राजनीतिक जीवन दोनों ही बहुत शानदार रहे हैं। देश की राजनीति में मुलायम सिंह यादव का कुनबा सबसे बड़ा है। उनके परिवार के 25 ऐसे सदस्य हैं जो राजनीति में सक्रिय हैं।
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को सैफई में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई इटावा, फतेहाबाद और आगरा में की। कुछ दिनों तक उन्होंने मैनपुरी के करहरी में जैन इंटर कॉलेज के प्राध्यापक का पदभार भी संभाला। पांच भाई-बहनों में मुलायम सिंह यादव दूसरे नंबर के हैं जिन्होंने दो शादियां की है। उनकी पहली पत्नी मालती देवी का साल 2003 में निधन हो गया था। अखिलेश यादव उन्हीं के बेटे हैं। उनकी दूसरी पत्नी साधना गुप्ता थी, जिनके बेटे प्रतीक यादव हैं।
1967 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने जाने के बाद उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 1977 में वह प्रदेश के राज्य मंत्री बने। इसके बाद 1980 में उन्हें लोक दल का अध्यक्ष बनाया गया। 1982 से लेकर 1985 तक मुलायम सिंह यादव ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद में विपक्ष के नेता का पद संभाला। 1989 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए, जिसके बाद 1990 में उन्होंने जनता दल (समाजवादी) जॉइन की। 1992 में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी की स्थापना की और 1993 में दूसरी बार मुख्यमंत्री चुने गए। 1999 में उन्होंने भारत के रक्षा मंत्री का पद भी संभाला। 2003 में एक बार फिर वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चुने गए। राजनीति में उनका मुख्य प्रतिद्वंदी मायावती को देखा गया।
Must Read- समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का निधन
विवादों से नाता
मुलायम सिंह यादव का नाता विवादों से भी रहा है। 2012 में जब दिल्ली गैंगरेप की घटना हुई थी उस समय उन्होंने एक विवादित बयान दे दिया था। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुए दंगों के कुछ दिन बाद एक सामूहिक कार्यक्रम करने की वजह से वह सुर्खियों में आए थे। 2015 में उत्तर प्रदेश की अदालत में मुलायम सिंह यादव को समन भेजा था।