क्या है Rule 56(J), अचानक क्यों हो रहा भारत में इसका जिक्र, क्या है इसका सरकारी अधिकारियों पर दिए पीएम के बयान से संबंध, देखें ख़बर

प्रधानमंत्री के इस बयान और नसीहत के बाद से ही देश में नियम 56 (जे) के तहत, 55 वर्ष की आयु के बाद कर्मचारियों को समय से पहले रिटायर करने की बात चर्चा का विषय बनी हुई है।

Rule 56 (J)

PM Modi Directions to Central Secretaries, Rule 56(J) : पीएम नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े रुख को लेकर अक्सर नए नियम और कानून के पालन का निर्धारण करते रहते हैं। चाहे नोटबंदी हो या कोई और अन्य फैसला पीएम मोदी भ्रष्टाचार की रोकथाम के लिए उसे लेने और उसके अनुपालन को लेकर प्रतिबद्ध रहते हैं।

आज फिर एक ऐसा ही निर्देश पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्रीय सचिवों को दिया गया है। इस निर्देश के अनुसार पूरे देश में जो भी दागी और नॉन परफॉर्मिंग अफसर हैं उनके खिलाफ पड़ा एक्शन लेने की प्रधानमंत्री ने बात कही है। पीएम ने  साफ तौर पर यह स्पष्ट किया है सचिव सरकारी अधिकारियों के प्रदर्शन का कठोरता से मूल्यांकन करें, परफॉर्मेंस में सुधार लाएं और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त से सख़्त रुख अपनाएं।

PM की नसीहत समस्या का समाधान करें, फाइल डेस्क पर धूल खाने नहीं छोड़ें

इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी साफ तौर पर यह भी स्पष्ट किया है कि कोई भी अधिकारी और मंत्री इस बात को पूरी तरह सुनिश्चित करें की जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान करें ना की समस्या की फाइलों को डेस्क पर धूल खाने के लिए छोड़ दें। सभी सचिव सप्ताह में एक दिन समस्या के समाधान के लिए निकाले और सभी शीर्ष मंत्री इस बात का अवलोकन करें कि ऐसा हो रहा है।

PM Modi का बयान कर्मचारियों के बीच बना चर्चा का विषय

प्रधानमंत्री के इस बयान और नसीहत के बाद से ही देश में नियम 56 (जे) के तहत, 55 वर्ष की आयु के बाद कर्मचारियों को समय से पहले रिटायर करने की बात चर्चा का विषय बनी हुई है। यहाँ बताना जरूरी है कि पीएम मोदी काम की गुणवत्ता, सरकारी योजनाओं का लाभ जन जन तक पहुँचाने और समयबद्ध कार्यक्रम के पक्षधर हैं, वे बिना समय गंवाए खुद काम करते हैं और वैसी ही अपेक्षा सरकारी अधिकारियों से करते हैं

क्या है Rule 56(J) आइए देखें…

केंद्रीय सिविल सेवा (CCS) पेंशन नियम, 1972 के नियम 48 और मौलिक नियम 56(जे)/(एल) के तहत, सरकार को लोगों के हित में सरकारी अधिकारियों को समय से पहले सेवानिवृत्त करने का अधिकार दिया गया है। इस अधिकार का उपयोग तब किया जाता है जब अधिकारी की सत्यनिष्ठा में कमी आई या कार्य में प्रभाव कम हो जाए। यह नियम सरकारी कर्मचारियों की नियमित स्क्रुटिनी और समय से पहले सेवानिवृत्ति की नीति को परिभाषित करते हैं, जो एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।

Modi government द्वारा अब तक की गई यह कार्यवाही

जुलाई 2014 से अक्टूबर 2019 तक अलग अलग मंत्रालयों, विभागों और कैडर नियंत्रण प्राधिकरणों द्वारा प्रोबिटी पोर्टल पर अपलोड किए गए नंबर के अनुसार, अब तक कुल 96 ग्रुप A अधिकारियों के खिलाफ मौलिक नियम 56(जे) को लागू किया गया है, इनमे से कुछ मंत्रालयों, विभागों और सीसीए में सुधार के लिए अनुरोध किया जा चुका है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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