सुप्रीम कोर्ट से गैंगस्टर अबू सलेम को लगा बड़ा झटका, 2027 नहीं 2030 होगी रिहाई

Amit Sengar
Published on -

नई दिल्ली,डेस्क रिपोर्ट। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को 1993 मुंबई ब्लास्ट के आरोपी गैंगस्टर अबू सलेम (gangster abu salem) को बड़ा झटका दे दिया है, बता दें कि कोर्ट ने अबू सलेम की उस याचिका को खारिच कर दिया गया है, जिसमें उसने उसे सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को चुनौती दी थी। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि प्रत्यर्पण संधि कोर्ट पर लागू नहीं होती इसलिए जो भी सजा होगी वह कोर्ट तय करेगी।

यह भी पढ़े…World Population Day 2022 : विश्व जनसंख्या दिवस आज, जानिये इस साल की थीम और उद्देश्य

MP

बता दें कि अबू सलेम ने याचिका में मांग की थी कि 2027 में 25 साल की सजा पूरी हो जाएगी, इसलिए उसे रिहा किया जाए। सलेम ने पुर्तगाल से प्रत्यपर्ण के वक्त किए गए वादों को पूरा करने की मांग करते हुए आजीवन कारावास की अवधि पूरी होने पर रिहाई की मांग की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्पष्ट किया कि गैंगस्टर अबू सलेम को 2030 तक रिहा नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने पुर्तगाल का जिक्र करते हुए कहा कि वह तीन साल इस सजा का हिस्सा नहीं हैं। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि 2005 में प्रत्यर्पण हुआ है। तब से 25 साल की अवधी पूरी करने पर ही सलेम की रिहाई होगी। केंद्र सरकार भारत-पुर्तगाल के बीच एक्सट्रैडिशन ट्रीटी के बारे में राष्ट्रपति को सलाह दे सकती है। बता दें कि 10 नवंबर 2030 को सलेम की 25 साल की सजा समाप्त होगी।

यह भी पढ़े…विदिशा में बने बाढ़ के हालात, नदी-नाले उफान पर, स्कूलों में की छुट्टी

जस्टिस एस के कौल और जस्टिस एम एम सुंदरेश की पीठ ने अपने फैसले में कहा कि केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 72 के तहत मिली शक्ति का प्रयोग और सजा पूरी होने पर इस बारे में राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए बाध्य है। सलेम की सजा के आवश्यक कागजात 25 साल पूरे होने के एक महीने के भीतर राष्ट्रपति को भेजे जाएं। सरकार चाहे तो सजा के 25 साल पूरे होने के एक महीने के अंदर सीआरपीसी के तहत छूट के अधिकार का प्रयोग कर सकती है।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

Other Latest News