10 लाख कर्मचारियों-पेंशनरों के लिए गुड न्यूज, इसी हफ्ते जारी होगी अक्टूबर की सैलरी-पेंशन, निर्देश जारी, DA Hike पर भी आज फैसला संभव

सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे इस आदेश का पालन सुनिश्चित करें, ताकि कर्मचारियों को समय पर उनके वेतन का लाभ मिल सके।

Pooja Khodani
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Bihar Employees Salary: बिहार के 10 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों पेंशनरों और शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। इस बार धनतेरस दिवाली को देखते हुए नीतिश कुमार सरकार ने  तय समय से पहले अक्टूबर का वेतन जारी करने का ऐलान किया है।इस संबंध में वित्त विभाग के प्रधान सचिव ने आदेश भी जारी कर दिया है।कर्मचारी संगठनों ने सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के इस कदम का स्वागत किया है।

दरअसल, नीतिश कुमार सरकार ने अपने कर्मचारियों को त्यौहारों का तोहफा देते हुए नवंबर की सैलरी 25 अक्टूबर को ही देने का फैसला किया है। वित्त विभाग के जारी आदेश में कहा गया है कि कर्मचारियों को इस साल त्योहार से पहले ही वेतन मिल जाएगा। जिन कर्मियों का सेवानिवृत्ति अथवा सेवांत इसी माह में हो रहा है (अराजपत्रित एवं राजपत्रित), उनके लिए भी अक्टूबर माह के अंतिम कार्य दिवस तक वेतन भुगतान किया जाएगा। यह फैसला बिहार कोषागार संहिता, 2011 के नियम 141 के तहत लिया गया है।इस फैसले से लगभग 10 लाख कर्मचारियों को फायदा होगा।

DA पर हो सकता है फैसला, कैबिनेट बैठक आज

  • केंद्रीय कर्मचारी की तर्ज पर बिहार के 10 लाख से ज्यादा राज्य कर्मचारियों पेंशनरों और शिक्षकों को नीतिश कुमार सरकार दिवाली से पहले डीए की सौगात दे सकती है। खबर है आज मंगलवार शाम को होने वाली कैबिनेट बैठक में कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की दरों में संशोधन का प्रस्ताव आ सकता है, जिसके बाद डीए 50 फीसदी से बढ़कर 53 फीसदी हो जाएगा।
  • चुंकी डीए जुलाई 2024 से बढ़ेगा,ऐसे में 3 महीने का एरियर भी मिलेगा।इसका लाभ सातवां वेतनमान पाने वाले कर्मियों को मिलेगा।वर्तमान में बिहार में सातवें वेतनमान के कर्मचारियों और शिक्षकों की संख्या 5-5 लाख है, जबकि पेंशनधारियों की संख्या चार लाख के करीब है, ऐसे में अगर डीए बढ़ता है तो 14 लाख कर्मचारियों पेंशनर्स को लाभ मिलेगा।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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