कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, बढ़ेगा मानदेय, वित्त विभाग ने दी मंजूरी, जल्द जारी होंगे आदेश, डीए-एरियर पर अपडेट

उत्तराखंड के 25 हजार उपनल कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है। वित्त विभाग ने कर्मियों के 10 प्रतिशत मानदेय बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। इस संबंध में जल्द ही शासनादेश जारी किए जाएंगे।वही अन्य मांगों के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है, जो जल्द ही सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।

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Uttrakhand UPNL Employees : उत्तराखंड के उपनल कर्मचारियों के लिए खुशखबरी है। जल्द उपनल कर्मचारियों का 10 फीसदी मानदेय बढ़ेगा। इसके लिए वित्त विभाग ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी ने कहा है कि जल्द ही मानदेय बढ़ोतरी का शासनादेश भी जारी कर दिया जाएगा।इस मानदेय वृद्धि से प्रदेश के 25 हजार से ज्यादा कर्मचारी लाभान्वित होंगे।

10 फीसदी बढ़ेगा मानदेय, जल्द जारी होगा शासन आदेश

  • सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी ने बताया कि 10 फीसदी मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया था, जिस पर मंजूरी मिल गई है, शीघ्र ही शासनादेश जारी किया जाएगा।इससे वेतन में 1200 से 3600 रुपए तक का लाभ मिलेगा। वही आंदोलन अवधि के दौरान की छुट्टियां कर्मचारियों के अनुमन्य अवकाश में समायोजित की जाएंगी।
  • उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने बताया कि कर्मचारियों को विभाग से निरंतर हटाने, ऊर्जा निगमों में स्थगित महंगाई भत्ता समेत अन्य मांगों को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है, जो 30 दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी।
  • बता दे कि इससे पहले अक्टूबर 2021 को कर्मचारियों के मानदेय की दरों में बदलाव किया गया था। राज्य सरकार द्वारा 2004 से अबतक उपनल कर्मचारियों के मानदेय में 7 बार वृद्धि और दो बार प्रोत्साहन भत्ते में संशोधन किया गया है।

सीएम के आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने स्थगित किया था आंदोलन

दरअसल, लंबे समय से उपनल कर्मी मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया । इसके बाद 12 फरवरी से उपनल कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने पुष्कर सिंह धामी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और प्रदेशव्यापी कार्य का बहिष्कार किया, जिससे कई विभागों के सरकारी कामों पर असर पड़ने लगा। इसके बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी और सचिव सैनिक कल्याण ने कर्मचारी संघ से मुलाकात की और मानदेय बढ़ने समेत विभिन्न मांगों पर आश्वासन दिया।

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Pooja Khodani

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)