Employee Cashless treatment facility: सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल के बाद उत्तर प्रदेश में लाखों सरकारी कर्मचारियों-पेंशनरों और आश्रितों को कैशलेस इलाज की सुविधा का लाभ दिया जा रहा है। ।इसके लिए राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए पंडित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना शुरू की गई है, इसके तहत उनके डिजिटल स्टेट हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे है, जिससे वे कहीं भी फ्री इलाज करा सकेंगे। इसी कड़ी में राज्य सरकार ने इलाज के लिए अब पीजीआई को 60 लाख रुपये एडवांस में जारी किए हैं।
खास बात ये है कि यह सुविधा देने वाला पीजीआई प्रदेश का पहला संस्थान होगा।इसके तहत अब संजय गांधी पीजीआई में राज्य कर्मचारी, पेंशनर व इनके आश्रितों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। इतना ही नहीं दिल, गुर्दा, पेट, कैंसर समेत सभी बीमारियों का भी इलाज मिलेगा।इसका लाभ प्रदेश के 75 लाख कर्मचारियों, पेंशनरों तथा आश्रितों को मिलेगा। पीजीआई में कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू होने के बाद केजीएमयू और लोहिया संस्थान में भी यह सुविधा जल्द शुरू होगी। इसके बाद प्रदेश के दूसरे मेडिकल कॉलेजों में कैशलेस इलाज की सुविधा शुरू होगी।
कर्मचारियों की तैनाती, काउंटर शुरू
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीजीआई में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए शुक्रवार को एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, इसमें शासन द्वारा विशेषज्ञ पीजीआई, केजीएमयू,लोहिया संस्थान समेत प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के डॉक्टर, रेजिडेंट और स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षण दिया।वही संस्थान ने भी कैशलेस इलाज की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और योजना का काउंटर भी शुरू कर दिया गया है, जहां इलाज के पात्र कर्मचारी, पेंशनर व उनके आश्रितों को सभी जानकारियां मिलेंगी।ध्यान रहे कि स्टेट हेल्थ कार्ड धारक ही इस योजना के पात्र होंगे। संस्थान ने कर्मचारियों की तैनाती कर दी है।
इस तरह मिलेगा लाभ
इसके तहत कर्मचारियों को हेल्थ कार्ड मिलेगा, जिससे वे सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में फ्री इलाज करा सकेंगे।वही राज्य कर्मचारी और पेंशनर या उनके परिवारीजन निजी अस्पतालों में भी पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त करा सकेंगे। यदि इलाज में पांच लाख से अधिक खर्च होने पर राज्य सरकार इसकी प्रति पूर्ति करेगी। इसका खर्च सरकार उठाएगी। वही सरकार पहले भुगतान करके रिंबर्समेंट लेने की पुरानी व्यवस्था भी खत्म नहीं करेगी। इस योजना के तहत प्रदेश के 22 लाख कर्मचारियों और पेंशनरों को 5 लाख तक की कैशलेस चिकित्सा सुविधा मिलेगी।वही आश्रितों को मिलाकर 75 लाख से अधिक लोगों को लाभ होगा।