कर्मचारियों-खाताधारकों के लिए अच्छी खबर, पेंशन स्कीम में बड़ा बदलाव, इस तरह मिलेगा लाभ, जानें नए नियम

Pooja Khodani
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के कर्मचारियों-खाताधारकों के लिए अच्छी खबर है। ईपीएफओ (EPFO) ने पेंशन स्कीम में एक बड़ा बदलाव किया है। इसके तहत अब छह महीने से भी कम समय में सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारी कर्मचारी पेंशन योजना 1995 (ईपीएस-95) के तहत जमा राशि निकाल सकते है।, इसका लाभ देशभर में साढ़े 6 करोड़ से ज्यादा EPFO सब्सक्राइबर्स-कर्मचारियों को मिलेगा।

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दरअसल, अबतक कर्मचारी भविष्य निधि कोष (ईपीएफओ) सब्सक्राइबरों को छह महीने से कम सेवा बाकी रहने पर कर्मचारी भविष्य निधि खाते से जमा राशि निकालने की ही अनुमति देता है, लेकिन 1 नवंबर से इसमें बदलाव कर दिया गया है। श्रम मंत्रालय (Labour Ministry) की ओर से जारी बयान के तहत सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने सरकार से जो सिफारिश की उसमें 6 महीने से भी कम सेवा अवधि वाले सदस्यों को अपने EPS खाते से निकासी की सुविधा देना भी शामिल है।  इसके अलावा वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफओ के कामकाज पर तैयार 69वीं वार्षिक रिपोर्ट को भी स्वीकृति दी गई जिसे संसद में पेश किया जाएगा।

सोमवार को नई दिल्ली में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय न्यासी बोर्ड, ईपीएफ की 232वीं बैठक में बोर्ड ने वर्ष 2021-22 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के कामकाज पर 69वीं वार्षिक रिपोर्ट को मंजूरी दी और इसे संसद के समक्ष रखने के लिए सरकार को सिफारिश की।बोर्ड ने वर्ष 2020-21 के लिए ईपीएफ योजना 1952, कर्मचारी पेंशन (EPS) योजना 1995 और कर्मचारी जमा लिंक बीमा योजना 1976 के संबंध में ऑडिट रिपोर्ट के साथ, ऑडिट हुए वार्षिक खाते को मंजूरी दी है और इसे संसद के समक्ष रखने के लिए सरकार को सिफारिश की।

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बोर्ड ने सरकार को ईपीएस में कुछ संशोधनों की सिफारिश की। ऐसे सदस्यों को आनुपातिक पेंशन के लाभ दिए जाएं जो 34 वर्षों से अधिक समय से इस योजना में रहे हैं। ऐसा “35 वर्ष से कम” वाले वर्ष से “42 वर्ष से कम” वाले वर्ष के लिए कारकों को शामिल करके किया जाए। छह महीने से कम की सेवा वाले सदस्यों को भी निकासी लाभ दें और छूट के मामलों में या ईपीएस 95 से छूट रद्द होने के मामले में समान हस्तांतरण मूल्य गणना को सक्षम करें।
बोर्ड ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की सूचना सुरक्षा नीति को मंजूरी दी।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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