Employees New pay Commission : राज्य सरकार ने कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल विभागों में तैनात कर्मचारियों को नए वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया है। कर्मचारी लंबे समय से वेतनमान के न्यूनतम वेतन की मांग कर रहे थे। जिसे अब मान्य लिया गया है। नए वेतनमान मिलने से उनके वेतन में 10 से 12 हजार रुपए तक की वृद्धि देखने को मिलेगी।
दरअसल उत्तर प्रदेश के सभी विभागों में संविदा पर तैनात कर्मचारियों को अब सातवें वेतनमान में अपने पद के सापेक्ष न्यूनतम वेतन प्राप्त होगा। वेतन समिति के तृतीय प्रत्यावेदन और उत्तर प्रदेश स्टांप एवं रजिस्ट्री नियमावली 1982 के संशोधन का प्रस्ताव मंजूर किया गया है। वेतन समिति की संस्तुतियों को स्वीकार करते हुए संविदा कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।
29 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वार्षिक व्यय
इसके साथ ही संविदा पर तैनात ऐसे सभी कर्मचारी जो भर्ती के लिए जारी विज्ञापन के आधार पर सृजित पद के सापेक्ष सभी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद पारदर्शी तरीके से नियुक्त किए गए हैं। उन्हें सातवें वेतनमान का लाभ मिलेगा। अभी तक इन कर्मचारियों को छठे वेतनमान का न्यूनतम वेतन प्राप्त हो रहा था। वही कैबिनेट में हुए इस फैसले के बाद राज्य शासन पर 29 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वार्षिक व्यय देखने को मिलेगा।
कैबिनेट में हुई बैठक के निर्णय की जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को प्रदेश भर में लागू करने के लिए गठित की गई वेतन समिति में संविदा कर्मचारियों को भी सातवें वेतनमान का न्यूनतम वेतन देने की सिफारिश की गई थी। ऐसे में अब इनके लिए भी यह प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इन कर्मचारियों में ज्यादातर स्वास्थ्य, सिंचाई और लोक निर्माण जैसे विभागों में कार्यरत हैं। वहीं इसका लाभ हजारों कर्मचारियों को मिलेगा।
2016 में गठित हुई वेतन समिति ने की थी सिफारिश
इससे पूर्व 2016 में गठित की गई वेतन समिति द्वारा संविदा कर्मचारियों को भी सातवें वेतनमान का न्यूनतम वेतन देने की सिफारिश की गई थी। मुख्य सचिव वेतन समिति की सिफारिश का परीक्षण करने के बाद इसे शासन से लागू करने की अपील की गई थी। मुख्य सचिव समिति की संस्तुति के क्रम में कैबिनेट ने संविदा कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ देने का फैसला किया है।