रांची, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश भर के 1 लाख से अधिक अधिकारी कर्मचारियों (employees) के लिए राहत भरी खबर है। दरअसल होली से पहले प्रदेश सरकार ने उन्हें Old pension scheme का बड़ा तोहफा मिल सकता है। राज्य भर में एक बार फिर से अंशदाई पेंशन योजना (New pension scheme) को खत्म कर दिया जाएगा। वहीं कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (old pension scheme) का लाभ दिया जाएगा। इस बात की घोषणा मुख्यमंत्री (CM) ने की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस पर जल्द विचार कर कार्रवाई शुरू की जाएगी।
प्रदेश भर में पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग लंबे समय से की जा रही है। इसको लेकर बीते दिनों कर्मचारी संघ प्रतिनिधिमंडल सीएम से मुलाकात करने पहुंचे। जिसके बाद सीएम हेमंत सोरेन ने पुरानी पेंशन योजना पर सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नियम संगत तरीके से मांगों का निराकरण किया जाएगा। राजस्थान और बंगाल में पुरानी पेंशन योजना लागू है।
इस मामले में सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि सरकारी कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात हुई है। 2019 में हम ने घोषणा की थी कि 2004 के बाद सरकारी सेवा में नियुक्त हुए पदाधिकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल करेंगे। हमारी सरकार अपने वायदे पर कायम है और इस पर कार्य कर रही है।
झारखंड में बजट सत्र शुरू होना है। माना जा रहा है कि बजट सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा कर सकते है। इसके साथ ही राज्य घर अधिकारियों के साथ बैठक कर खर्च का आकलन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राज्य में करीब 1,95,000 स्थाई अधिकारी कर्मचारी हैं। जिनमें से 1,25,000 को अब नई पेंशन योजना का लाभ मिल रहा है। नई पेंशन योजना 2004 में लागू की गई थी। इसके तहत राज्य सरकार 14% जबकि कर्मचारी 10% अंशदान करते हैं। सेवानिवृत्ति के बाद ब्याज सहित कुल जमा राशि का 40% से 60 % हिस्सा कर्मचारी द्वारा निकाला जा सकता है।
वहीं कर्मचारियों की मांगे की पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए। पुरानी पेंशन योजना में सेवानिवृत्ति पर अंतिम मूल वेतन-महंगाई भत्ते की आधी राशि पेंशन के रूप में जीवन भर सेवानिवृत्त अधिकारी कर्मचारियों को उपलब्ध कराई जाती है। इसके अलावा महंगाई राहत में हर 2 साल में वृद्धि की जाती है। कर्मचारी की मौत पर भी उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था का लाभ मिलता है। पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का सबसे ज्यादा असर राज्य सरकार पर पड़ेगा। जिसमें सरकार के खर्च में बढ़ोतरी देखी जाएगी। फिलहाल सरकार हर साल अंशदाई के तहत ₹1000 करोड़ रुपए खर्च करती है।