किसानों के लिए खुशखबरी, कृषि ऋण पर राज्य सरकार का बड़ा फैसला, इस तरह मिलेगा लाभ, 5 साल तक लागू रहेगी यह व्यवस्था

Pooja Khodani
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Odisha Govt Farmers Loan : ओडिशा की नवीन पटनायक सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला किया है। राज्य सरकार ने किसानों के लिए ब्याज मुक्त कृषि ऋण की घोषणा की है।इसके तहत अब किसानों को  1 लाख रुपए तक का ब्याज मुक्त लोन दिया जाएगा। इसके लिए इंटरेस्ट सब्सिडी सबवेंशन के तहत 5700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। अगले 5 साल तक के लिए यह प्रावधान किया है, ताकि कृषि क्षेत्र में किसानों लाभ मिल सके।  बता दे कि वर्तमान में राज्य में 55 प्रतिशत फसल लोन दिया जा रहा है जबकि राष्ट्रीय औसत सिर्फ 17 प्रतिशत का ही है।

1 लाख रुपये तक मिलेगा ब्याज मुक्त कृषि ऋण

ओडिशा राज्य सहयोग विभाग के मुताबिक, कैबिनेट ने 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्षों के लिए सहकारी बैंकों/ पैक्स को राज्य सेक्टर स्कीम “ब्याज सब्सिडी-सब्सवेंशन” के कार्यान्वयन के लिए 5700 करोड़ रुपये के प्रावधान की मंजूरी दी गई है।इसके तहत राज्य सरकार ने 1 अप्रैल 2022 से प्रति वर्ष 0 प्रतिशत ब्याज दर (इंटरेस्ट फ्री ऋण) पर 1 लाख रुपये तक कृषि ऋण देने का फैसला किया है, वही 1 लाख रुपये से 3 लाख रुपये के कृषि ऋण के लिए शीघ्र भुगतान करने वाले किसानों के लिए लागू दर 2 प्रतिशत रहेगी।

3 लाख तक में 2 प्रतिशत ब्याज

जारी रिलीज के अनुसार राज्य सरकार ने यह फैसला किया है कि किसानों को 1 लाख रुपए तक का फसल लोन 0 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जाएगा। किसानों को इस राशि पर एक रुपया भी ब्याज नहीं देना होगा। अप्रैल 2022 से यह लागू है, जो किसान 1 लाख रुपए से 3 लाख रुपए तक का लोन लेते हैं तो उन्हें 2 प्रतिशत मामूली वार्षिक ब्याज दर पर लोन दिया जाएगा।इससे पहले कालिया योजना के तहत 50,000 रुपये तक ब्याज मुक्त कृषि ऋण प्रदान किया जा रहा था। वर्ष 2022-23 के दौरान, 32.43 लाख छोटे और सीमांत किसानों ने सहकारी बैंकों या पैक्स से प्रति वर्ष शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर 1 लाख रुपये कृषि ऋण लिया था।

अबतक लाखों किसानों को मिला लाभ

विभाग ने कहा कि ओडिशा राज्य में तीन स्तरीय “अल्पकालिक सहकारी ऋण संरचना (STCCS) है, जिसमें शीर्ष (राज्य) स्तर पर ओडिशा राज्य सहकारी बैंक, मध्य स्तर (जिला स्तर) पर 17 केंद्रीय सहकारी बैंक और 2710 प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (PACS) और जमीनी स्तर पर बड़े आकार की आदिवासी बहुउद्देशीय सहकारी समितियां (एलएएमपीसीएस) हैं। ये सभी कृषि ऋण वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।सहकारी समिति ने वर्ष 2000-01 में 6.40 लाख किसानों को 438.36 करोड़ रुपये से लेकर वर्ष 2022-23 में 34.57 लाख किसानों को 16683.57 करोड़ रुपये तक फसल ऋण वितरण किया था।


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