दरअसल, बुधवार को मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया और इसमें हर वर्ग को बड़ी सौगात दी। वही सशस्त्र बलों के पेंशनर्स और पारिवारिक पेंशनरों के संशोधन के लिए और सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए 28,138 करोड़ रुपये बजट के रुप में आवंटित किए गए हैं। इससे पेंशनरों को बड़ा फायदा मिलेगा।यह वृद्धि पूरे भारत में अनुभवी बल सदस्यों और उनके आश्रितों के लिए ‘कैशलेस स्वास्थ्य सेवा’ और बेहतर ‘सेवा वितरण’ में सुनिश्चित करेगी। केंद्रीय बजट ने अग्निवीर कोष को छूट-छूट-छूट (E-E-E) का दर्जा भी प्रदान किया है.
इस बार 13 प्रतिशत की वृद्धि
खास बात ये है कि पिछले बजट की तुलना में इस बार 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बजट में वित्त वर्ष 2022-23 में 3,582.51 करोड़ रुपये की तुलना में वित्त वर्ष 2023-24 में 5,431.56 करोड़ रुपये के बजट अनुमान के साथ भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ECHS) के आवंटन में वृद्धि की गई है।2023-24 के लिए भारत का रक्षा बजट पिछले वर्ष की तुलना में 12.95 प्रतिशत बढ़ाकर 5.93 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, फिलहाल इस बजट में से 1.38 लाख करोड़ रुपये पेंशन और 1.54 लाख करोड़ रुपये सैलरी के मद में चले जाएंगे, 2022-23 में रक्षा बजट के लिए 5.25 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था यानि रक्षा बजट का करीब आधा हिस्सा वेतन और पेंशन पर खर्च हो जाएगा।
बजट में 28,138 करोड़ शामिल
वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा पेंशन बजट में 15.5 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। यह राशि बजट अनुमान 2023-24 में 1,38,205 करोड़ रुपये है, जबकि बजट अनुमान 2022-23 में यह राशि 1,19,696 करोड़ रुपये थी, वही आरई 2022-23 आवंटन 1,53,415 करोड़ रुपये पर 28 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज करता है, जो 33,718 करोड़ रुपये है इसमें वन रैंक वन पेंशन (OROP) के तहत सशस्त्र बल पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों के संशोधन के कारण आवश्यकता को पूरा करने के लिए 28,138 करोड़ रुपये की राशि शामिल है।
पेंशन में वृद्धि-एरियर का भी भुगतान
बता दे कि बीते महीनों हुई मोदी कैबिनेट की बैठक ‘वन रैंक, वन पेंशन’ (OROP) के तहत सशस्त्र बलों के पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनभोगियों की पेंशन में पुनरीक्षण को 01 जुलाई, 2019 से मंजूरी दी गई है, जिसके तहत पूर्व पेंशनभोगियों की पेंशन कैलेंडर वर्ष 2018 में समान सेवा अवधि के साथ समान रैंक में रक्षा बल के सेवानिवृत्त कर्मियों की न्यूनतम और अधिकतम पेंशन के औसत के आधार पर फिर से निर्धारित करने का फैसला लिया गया था। वही पेंशन योजना को जुलाई 2019 से जून 2022 तक का एरियर या बकाया 6 किस्तों में देने का फैसला लिया गया था। यानी कुल 23,638.07 करोड़ रुपए देने पर भी सहमति बनी थी।इसका लाभ 25 लाख पेंशनरों को मिलेगा।