Employees Salary : शिक्षक कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है। दरअसल उनकी वेतन विसंगति को दूर कर हफ्ते भर के अंदर एरियर के भुगतान के निर्देश दिए गए। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि शिक्षकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया 1 सप्ताह के अंदर पूरी नहीं होती है तो अगली तिथि पर सुनवाई के दौरान कॉलेज के प्राचार्य और प्रबंधक को कोर्ट में हाजिर होना होगा।
1 सप्ताह के अंदर भुगतान के निर्देश
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में रामाश्रय दास पीजी कॉलेज के शिक्षक की वेतन विसंगति को दूर करने की मांग के बीच शिक्षक कर्मचारी हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। वहीं हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट में गाजीपुर स्थित रामाश्रय दास पीजी कॉलेज के शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर कर 1 सप्ताह के अंदर भुगतान के निर्देश दिए गए हैं।
सूची भी तलब
ऐसा नहीं होने की स्थिति में अगली सुनवाई को कॉलेज के प्राचार्य और प्रबंधक को कोर्ट में हाजिर होने के निर्देश दिए गए हैं। इतना ही नहीं कोर्ट ने पीजी कॉलेज संचालित करने वाली सोसाइटी के अगले चुनाव के लिए भी निर्वाचन मंडल का निर्धारण करने के लिए सदस्यों की सूची भी तलब कर ली है।
प्रबंधन की दलील
हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अजय भनोट द्वारा रामाश्रय दास पीजी कॉलेज और अन्य की याचिका पर सुनवाई की गई। इस दौरान प्रबंधक की ओर से व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया गया। जिसमें जानकारी देते हुए बताया गया है कि सोसाइटी के तहत प्रबंधक का चयन किया गया है। हलफनामे में दी गई जानकारी के मुताबिक शिक्षकों के वेतन के वितरण के लिए 75 फीसद राशि बैंक में भेज दी गई है।
दिए गए हलफनामे में स्पष्ट किया गया है कि वेतन विसंगति को देखते हुए 25% राशि का भुगतान नहीं किया गया है। उसे संशोधित करने के लिए प्राचार्य के पास भेजा गया है। संशोधित किए जाने के साथ ही कर्मचारियों को वेतन का भुगतान भी कर दिया जाएगा।
कोर्ट का आदेश
जिस पर हाईकोर्ट ने कॉलेज प्राचार्य को संशोधित वेतन बिल प्रबंधक के पास भेजने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आदेश देते हुए कहा गया है कि प्रबंधक वेतन बिल को उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करें। ऐसा नहीं होने की स्थिति में प्राचार्य और प्रबंधक दोनों कोर्ट के समक्ष अगली सुनवाई की तिथि पर हाजिर होंगे।
18 मई को अगली सुनवाई
अगली सुनवाई की तिथि 18 मई निर्धारित की गई है। साथ ही कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता से कॉलेज प्रबंधन सोसाइटी के वैद्य सदस्यों की सूची की भी मांग की है।