Employees New pay Scale : कर्मचारियों को हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण राहत दी है। दरअसल हाईकोर्ट ने अपने एक अहम फैसले में कहा है कि कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान देने की कानूनी बाध्यता से सरकार मुंह नहीं मोड़ सकती है। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने निर्देश दिया कि कर्मचारी को जल्द से जल्द न्यूनतम वेतनमान का लाभ दिया जाए।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ द्वारा एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया गया है। जिसमें कर्मचारियों के हित में निर्णय देते हुए हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सेवा प्रदाता एजेंसी के जरिए रखे गए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को भी न्यूनतम वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। न्यूनतम वेतनमान देने की जिम्मेदारी से सरकार मुंह नहीं मोड़ सकती है। इसके साथ ही कोर्ट ने बागवानी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग को आदेश दिया है कि दैनिक वेतन भोगी को भी उनके सामान कर्मचारियों की तरह ही न्यूनतम वेतनमान का भुगतान किया जाए।
हाई कोर्ट का आदेश
लखनऊ बेंच द्वारा मामले की सुनवाई की जा रही थी।न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की एकल पीठ ने फैसला देते हुए आदेश दिया है कि कर्मचारी को न्यूनतम वेतनमान का लाभ दिया जाना चाहिए। बता दे कि याचिकाकर्ता राज्य टिशू कल्चर प्रयोगशाला के वैज्ञानिक विभाग में दैनिक वेतन भोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। दैनिक वेतन भोगी चतुर्थ श्रेणी कर्मी के रूप में वह माली के रूप में कार्यरत हैं।
यह है मामला
वही याचिकाकर्ता ने कोर्ट में याचिका देते हुए कहा कि उनके समान कार्य सभी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतनमान का लाभ दिया जा रहा है लेकिन उन्हें इस लाभ से वंचित रखा गया है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि समान कार्यरत कर्मचारियों की तरह न्यूनतम वेतनमान की मांग के साथ ही विभाग को प्रत्यावेदन भी दिया गया था लेकिन विभाग के निदेशक द्वारा न्यूनतम वेतनमान देने से इंकार कर दिया गया था।
मिलेगा न्यूनतम वेतनमान का लाभ
वही अब इस मामले में याचिकाकर्ता द्वारा की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने स्पष्ट किया है कि कर्मचारी को अन्य कर्मचारियों की तरह ही न्यूनतम वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।