कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, नए वेतनमान का मिलेगा लाभ, नियम-निर्देश तय, वेतन वृद्धि, यह होंगे पात्र, खाते में बढ़गी राशि

लाखों कर्मचारियों को होली से पहले बड़ा तोहफा मिला है। दरअसल उन्हें नए वेतन आयोग का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। कैबिनेट के इस निर्णय से अधिकारियों कर्मचारियों के वेतन में 10 से 12 हजार रुपए की वृद्धि तय है। कर्मचारियों के लिए नियम-निर्देश भी जारी किए गए हैं। जिसके तहत उन्हें इस वेतनमान का लाभ दिया जाएगा।

Employees New Pay Commission : होली से पहले राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को बढ़ावा कर दिया है। दरअसल विभागों में तैनात कर्मचारियों को नए वेतन मान का लाभ दिया जाएगा। नए वेतनमान को लेकर कैबिनेट में बैठक आयोजित की गई थी। जिस पर सहमति बनी है। कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से की जा रही यूनतम वेतन की मांग को अब मान्य कर लिया गया है। जिस पर विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। वही वेतन वृद्धि का लाभ पद के लिए निर्धारित अहर्ता प्राप्त करने वाले और जिनकी नियुक्ति विज्ञापन निकालकर की गई हो, उन्हें ही दिया जाएगा।

तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश

उत्तर प्रदेश के सभी विभागों में संविदा पर तैनात कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाना है। इसके लिए सापेक्ष न्यूनतम वेतन तैयार किए गए हैं। वेतन समिति के तृतीय प्रत्यावेदन के संशोधन के प्रस्ताव को मंजूर किया गया है। वहीं संविदा कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। शासन द्वारा वेतन समिति 2016 के वित्तीय प्रतिवेदन में संविदा कर्मचारियों के संबंध में की गई संस्तुतियों पर मुख्य सचिव समिति द्वारा इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने का आदेश दिया गया है।

नियम तय 

जारी आदेश के तहत नियमों निर्देश तय किए गए हैं। राजकीय विभाग में संविदा पर कार्यरत उन कर्मचारियों को इसका लाभ दिया जाएगा, जो पद के लिए निर्धारित अहर्ता को पूरा करते हैं। इसके अलावा जिन के नियुक्ति विज्ञापन निकालकर की गई है। शासन द्वारा जारी किए गए नियम के तहत ऐसे कर्मचारियों को संविदा धनराशि पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स से संबंधित पक्ष के लिए निर्धारित पे मैट्रिक्स लेवल का लाभ दिया जाना है। इसकी न्यूनतम राशि जोड़कर उस पर राज्य कर्मचारियों को समय-समय पर देने वाले महंगाई भत्ते की धनराशि जोड़ते हुए उन्हें वेतन का भुगतान किया जाएगा।

सातवें वेतनमान का लाभ 

वही संविदा धनराशि को देने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि संविदा कर्मचारियों द्वारा पूर्व काली कर्मचारियों के लिए निर्धारित अवधि का कार्य प्रतिदिन किया गया है। इसके अलावा ऐसे अंशकालीन कर्मचारी और ऐसे संविदा कर्मी, जिनके कार्य के लिए निर्धारित घंटे, पूर्ण कालीन कर्मचारियों से कम है उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा संविदा पर तैनात ऐसे सभी कर्मचारी जो भर्ती के लिए जारी विज्ञापन के आधार पर सृजित पदों के सापेक्ष औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद पारदर्शी तरीके से नियुक्त किए गए हैं। उन्हें सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। बता दें कि अभी तक इन कर्मचारियों को छठे वेतनमान के न्यूनतम वेतन प्राप्त हो रहे हैं। वहीं कैबिनेट के द्वारा लिए गए इस फैसले से राज्य शासन पर 29 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वार्षिक व्यय देखने को मिलेगा।

इन्हें नहीं मिलेगा लाभ 

वही इस व्यवस्था के तहत आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ता रसोईया, पीआरडी सेवक, होमगार्ड सहित किसान मित्र, शिक्षामित्र, मनरेगा, अंकेक्षण समन्वयक और सीजनल अनुदेशकों सहित अंशकालीन कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं दिया जाएगा। साथ ही उद्यान विभाग, कृषि विभाग, कृषि शिक्षा विभाग के तहत सीजनल कार्य के लिए लगाकर कर्मचारी और केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं आदि के लिए संविदा धन राशि पर निरीक्षण के लिए यह व्यवस्था लागू नहीं होगी। इतना ही नहीं वेतनमान में सृजित पद के विरुद्ध संविदा पर कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी।

2016 में गठित की गई वेतन समिति

इससे पूर्व 2016 में गठित की गई वेतन समिति द्वारा संविदा कर्मचारियों को भी सातवें वेतनमान के न्यूनतम वेतन देने की सिफारिश की गई थी। मुख्य सचिव वेतन समिति की सिफारिश का परीक्षण करने के बाद इसे शासन से लागू करने की अपील की गई थी। जिस पर अब कैबिनेट द्वारा संविदा कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने का निर्णय लिया गया है।