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Mon, Dec 8, 2025

विपक्ष करता रहा हंगामा, संसद के दोनों सदनों ने 6 विधेयकों को दी मंजूरी; डिटेल में जानें

Written by:Mini Pandey
राज्यसभा ने विपक्षी सदस्यों के बहिर्गमन के बाद राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक 2025 और राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक 2025 को ध्वनिमत से पारित किया।
विपक्ष करता रहा हंगामा, संसद के दोनों सदनों ने 6 विधेयकों को दी मंजूरी; डिटेल में जानें

सरकार ने विपक्ष के तीव्र विरोध के बावजूद अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाया और संसद के दोनों सदनों ने मंगलवार को अलग-अलग 6 विधेयकों को मंजूरी दी। लोकसभा में खान और खनिज (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक और भारतीय पत्तन विधेयक संक्षिप्त चर्चा के बाद पारित हुए, जबकि राज्यसभा ने चार विधेयकों को मंजूरी दी, जिनमें दो खेल से संबंधित और दो वित्त मंत्रालय से जुड़े थे। विपक्षी सदस्यों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर राज्यसभा में बहिर्गमन किया।

लोकसभा में विपक्ष के विरोध ने उस समय उग्र रूप ले लिया, जब कुछ सदस्यों ने कागज फाड़कर आसन की ओर फेंक दिए। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने इस आचरण की निंदा करते हुए कहा कि विपक्ष ने सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाई। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए कभी ऐसी हरकत नहीं की। इस बीच, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए तीन-सदस्यीय समिति की घोषणा की, जिसके बाद महाभियोग की प्रक्रिया शुरू हो गई।

राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक 2025

राज्यसभा ने विपक्षी सदस्यों के बहिर्गमन के बाद राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक 2025 और राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक 2025 को ध्वनिमत से पारित किया। इसके अलावा, आयकर विधेयक और कराधान विधि संशोधन विधेयक को संक्षिप्त चर्चा और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जवाब के बाद लोकसभा को लौटा दिया गया। सीतारमण ने दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता में संशोधन के लिए एक विधेयक भी पेश किया, जिसे गहन विचार के लिए प्रवर समिति को भेजने का आग्रह किया।

दोनों सदनों की अगली बैठक कब 

संसद के दोनों सदनों की अगली बैठक पांच दिन के स्वतंत्रता दिवस अवकाश के बाद 18 अगस्त को होगी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दिन में पहले न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ 146 सांसदों के प्रस्ताव का हवाला देते हुए जांच समिति की घोषणा की थी, जिसमें रविशंकर प्रसाद और राहुल गांधी शामिल थे। इस दौरान सदन की कार्यवाही शुरू में व्यवस्थित रही, लेकिन विपक्ष के विरोध ने दिन के अंत तक माहौल को तनावपूर्ण बना दिया।